‘चुनाव सुधार’ पर चर्चा की समयसीमा की मांग को लेकर विपक्ष ने किया राज्यसभा से बहिर्गमन
मनीषा माधव
- 02 Dec 2025, 05:48 PM
- Updated: 05:48 PM
नयी दिल्ली, दो दिसम्बर (भाषा) मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर चर्चा की विपक्ष की मांग को लेकर मंगलवार को राज्यसभा में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी रहा। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है, हालांकि उन्होंने इसकी समयसीमा तय करने से इनकार कर दिया।
विपक्षी दलों ने मांग की कि एसआईआर पर चर्चा को अन्य कार्यों की तुलना में प्राथमिकता दी जाए, जबकि रीजीजू ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ पर चर्चा पहले होगी।
सरकार द्वारा एसआईआर पर चर्चा को प्राथमिकता न देने पर विरोध जताते हुए विपक्षी सदस्यों ने सदन में नारेबाजी की और फिर वे सदन से बहिर्गमन कर गए।
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और माकपा के नेताओं ने मंगलवार को रीजीजू से मुलाकात कर एसआईआर पर तत्काल चर्चा की मांग रखी थी। उन्होंने मांग की कि सरकार को सदन में चुनाव सुधारों पर चर्चा का समय घोषित करना चाहिए।
उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर इसी मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा किया। हंगामे के बीच ही सभापति सी पी राधाकृष्णन ने शून्यकाल जारी रखा। हंगामा न थमने पर उन्होंने 11 बजकर 56 मिनट पर कार्यवाही को अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
अपराह्न दो बजे सदन की कार्यवाही पुनः शुरू होने पर रीजीजू ने बताया कि ‘वंदे मातरम्’ पर चर्चा कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में सूचीबद्ध हो चुकी है और यह चर्चा, ‘चुनाव सुधार’ पर चर्चा से पहले होगी।
रीजीजू ने कहा ‘‘सरकार की ओर से हम चुनाव सुधार पर आगे चर्चा का प्रस्ताव रखते हैं, जो कि उस मुद्दे से संबंधित है जिस पर चर्चा के लिए विपक्षी दल मांग कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा ‘‘मेरी खास तौर पर अपील है कि जब सरकार चर्चा के लिए तैयार है तो कृपया कोई शर्त न रखें क्योंकि फिर यह चलन बन जाएगा। कार्य मंत्रणा समिति की पहली बैठक में सरकार ने वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर चर्चा का प्रस्ताव रखा था और यह पहले ही सूचीबद्ध हो चुका है।’’
रीजीजू ने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति की अगली बैठक में अन्य मुद्दों पर फैसला किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘वंदे मातरम् हमारे स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा विषय है। चुनाव सुधार संबंधी मुद्दे भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। और भी मुद्दे हैं जो सदन में पार्टियां उठाना चाहेंगी, लेकिन विपक्ष ने एकजुट होकर एक मुद्दा उठाया है, इसलिए सरकार चर्चा को तैयार है। परंतु इसे वंदे मातरम् पर चर्चा से पहले लेना उचित नहीं होगा।’’
इसपर तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि 14 से अधिक विपक्षी दल इस मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं, क्योंकि एसआईआर की वजह से लोग मर रहे हैं।
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि कई दलों ने नियम 267 के तहत इस मुद्दे पर चर्चा का नोटिस दिया है, जिसे प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘नियम 267 के तहत नोटिस देने पर किसी विषय पर चर्चा के लिए अन्य सभी कार्य स्थगित कर देने की व्यवस्था है। यदि प्राथमिकता नहीं दी जाएगी तो इस नियम का कोई अर्थ नहीं बचता।’’
उन्होंने कहा ‘‘अन्य कामकाज छोड़ कर सदन में नियम 267 के तहत एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा की जानी चाहिए। आप हमें नियम 267 के तहत चर्चा की अनुमति दीजिये।’’
खरगे ने कहा, ‘‘वंदे मातरम् हमारी तरफ से आया है, उनसे नहीं।”
इस पर सभापति सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा, ‘‘वंदे मातरम् सभी का है।’’
द्रमुक के तिरुची शिवा और माकपा के जॉन ब्रिटास ने भी मांग की कि चुनाव सुधारों पर चर्चा पहले कराई जाए।
शिवा ने संसदीय कार्य मंत्री के साथ बैठक का संदर्भ देते हुए कहा कि एसआईआर बहुत गंभीर मुद्दा है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल मंगलवार को चर्चा चाहते थे लेकिन सरकार की स्थिति को देखते हुए वह बुधवार और बृहस्पतिवार को चर्चा के लिए तैयार हैं।
ब्रिटास ने कहा कि मंत्री ने खुद मामले की गंभीरता को रेखांकित किया है। उन्होंने कहा ‘‘रविवार को सर्वदलीय बैठक में हमने प्रस्ताव रखा था। अब तीन दिन बीत गए। हमारा केवल यही अनुरोध है कि इसे कल दोपहर तीन बजे शुरू किया जाए और उसके बाद वाले दिन तक यह चले।’’
सभापति ने कहा कि सरकार ने आश्वासन दिया है कि चर्चा होगी। उन्होंने कहा ‘‘सरकार को तय करने दें, वे बताएंगे।’’
जैसे ही सभापति ने अन्य कार्यवाही आगे बढ़ाई, विपक्षी सदस्यों ने एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए नारे लगाने शुरू कर दिए और फिर वे सदन से बहिर्गमन कर गए।
भाषा मनीषा