पश्चिम बंगाल में एसआईआर के तहत की गई 1.25 करोड़ प्रविष्टियों की पड़ताल हो: भाजपा
नोमान धीरज
- 01 Dec 2025, 08:20 PM
- Updated: 08:20 PM
(तस्वीरों के साथ)
कोलकाता, एक दिसंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के मौजूदा विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान बड़े पैमाने पर अनियमितता का आरोप लगाते हुए सोमवार को मांग की कि प्रक्रिया के तहत 26 से 28 नवंबर के बीच की सभी 1.25 करोड़ प्रविष्टियों की ‘ऑडिट’ कराई जाए।
भाजपा ने दावा किया कि इन प्रविष्टियों में लाखों बांग्लादेशी नागरिकों और मृतकों के नाम शामिल किए गए हैं।
राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी और अन्य भाजपा विधायकों ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) से उनके कार्यालय में मुलाकात की, जबकि ‘बीएलओ अधिकार रक्षा समिति’ के प्रतिनिधियों ने परिसर के बाहर प्रदर्शन किया और एसआईआर प्रक्रिया पूरी करने के लिए और समय मांगा।
शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि राजनीतिक परामर्श एजेंसी ‘आई-पैक’ राज्य में चल रही एसआईआर प्रक्रिया के दौरान ‘‘डेटा प्रविष्टि प्रक्रिया में हस्तक्षेप’’ कर रही है।
भाजपा नेता ने कहा, “हम एक स्वतंत्र एजेंसी से जांच चाहते हैं। उन्होंने मांग की कि आयोग इस मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) या न्यायपालिका को शामिल करे।
भाजपा नेता ने कोलकाता पुलिस पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सीईओ का कार्यालय भी सुरक्षित नहीं है।
शुभेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल से कहा, ‘‘हमारी विशेष मांग है कि 26 से 28 नवंबर तक (एसआईआर प्रक्रिया के तहत) की गई लगभग 1.25 करोड़ प्रविष्टियों की विशेष पर्यवेक्षकों और निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की तकनीकी टीम द्वारा विश्लेषण किया जाए और इनका ऑडिट किया जाए।’’
भाजपा नेताओं ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें सुचिता सुनिश्चित कर और बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) सहित सभी अधिकारियों को उचित सुरक्षा मुहैया कराते हुए एसआईआर प्रक्रिया पूरी करने की मांग की गई।
अधिकारी ने आरोप लगाया कि निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) और सहायक ईआरओ का एक वर्ग पक्षपातपूर्ण तरीके से काम कर रहा है और वे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का पक्ष ले रहे हैं। भाजपा नेता ने दो जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) को उनके पदों से हटाने की भी मांग की।
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘उन्होंने (सीईओ ने) हमें आश्वस्त किया कि यथासंभव त्रृटियों को दूर करने के लिए भौतिक सत्यापन, क्षेत्रीय पर्यवेक्षकों और प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा।’’
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि भाजपा ने यह भी मांग की है कि निर्वाचन आयोग पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एसआईआर प्रक्रिया के तहत उन आवेदकों की सुनवाई का सीधा प्रसारण करे जिनके दस्तावेजों में कोई विसंगति हो।
उन्होंने सीईओ से कहा, ‘‘विपक्षी राजनीतिक दल के पदाधिकारियों को आपके कार्यालय में प्रवेश करने से बाहर प्रदर्शन कर रहे कुछ लोग रोक रहे हैं, और पुलिस ऐसे कृत्यों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।”
कुछ बीएलओ और उनके समर्थकों द्वारा परिसर में घुसकर विरोध प्रदर्शन करने के बाद सीईओ कार्यालय को वर्तमान स्थान से मध्य कोलकाता के अधिक सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने के निर्वाचन आयोग के निर्देश की ओर इशारा करते हुए भाजपा ने मांग की है कि यह बदलाव तुरंत किया जाए।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘‘हम यह भी मांग करते हैं कि यदि आवश्यक हो तो सीईओ कार्यालय, पर्यवेक्षकों और बीएलओ को सुरक्षा प्रदान करने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) को लगाया जाए।’’
विपक्ष के नेता ने यह भी आरोप लगाया कि उचित पद पर नहीं होने के बावजूद कई अधिकारियों को निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) का काम दिया गया है और उन्होंने मांग की है कि उन्हें तुरंत बदला जाए।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि भाजपा ने लगभग 5,000 बीएलओ के खिलाफ शिकायतें दर्ज की हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि एसआईआर प्रक्रिया में बांग्लादेशी नागरिकों के नाम अवैध रूप से दर्ज किए जा रहे हैं।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने सीईओ और विशेष पर्यवेक्षक को 17,111 बूथ के आंकड़े और उनसे संबंधित शिकायतें सौंपीं।
उन्होंने दावा किया कि ये बूथ पश्चिम बंगाल के सभी 294 विधानसभा क्षेत्रों में से लगभग 220 निर्वाचन क्षेत्रों में स्थित हैं।
भाषा नोमान