तंबाकू, पान मसाला पर उत्पाद शुल्क और उपकर लगाने से संबंधित दो विधेयक लोकसभा में पेश
हक वैभव
- 01 Dec 2025, 01:45 PM
- Updated: 01:45 PM
नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) सरकार ने जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर खत्म होने के बाद भी तंबाकू, पान मसाला और अन्य तंबाकू उत्पादों पर कुल कर भार समान बनाए रखने के लिए सोमवार को दो विधेयक लोकसभा में पेश किए।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों की भारी नारेबाजी के बीच ये विधेयक पेश किए।
विपक्षी सदस्य मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कुछ अन्य विषयों पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा कर रहे थे।
तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत रॉय और द्रमुक सांसद कथिर आनंद ने इन विधेयकों को पेश किये जाने का विरोध किया।
रॉय ने आरोप लगाया कि इनमें तंबाकू पर उत्पाद शुल्क वसूलने का प्रावधान है, लेकिन तंबाकू उत्पादों के सेहत पर हानिकारक प्रभाव पड़ने के पहलू की उपेक्षा की गई है।
कथिर आनंद ने कहा कि जनता पर कर का और अधिक बोझ डालने की कोशिश की जा रही है।
केंद्रीय उत्पाद शुल्क संशोधन विधेयक, 2025 के तहत सिगरेट सहित विभिन्न तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क लगाया जाएगा, जो तंबाकू पर लगाए जा रहे जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर का स्थान लेगा।
‘स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025’ पान मसाला पर लगाए जाने वाले क्षतिपूर्ति उपकर की जगह लेगा। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े खर्चों के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाना है। इसके तहत उन मशीनों या प्रक्रियाओं पर उपकर लगाया जाएगा, जिनके माध्यम से उक्त वस्तुओं का निर्माण या उत्पादन किया जाता है।
वर्तमान में तंबाकू और पान मसाला पर 28 प्रतिशत जीएसटी लागू है, और इसके साथ ही अलग-अलग दरों पर क्षतिपूर्ति उपकर भी वसूला जाता है।
जब एक जुलाई, 2017 को जीएसटी की शुरूआत हुई थी तो जीएसटी कार्यान्वयन के कारण राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए 30 जून, 2022 तक पांच वर्षों के लिए क्षतिपूर्ति उपकर की व्यवस्था लागू की गई थी।
क्षतिपूर्ति उपकर की व्यवस्था को बाद में 31 मार्च, 2026 तक चार साल के लिए बढ़ा दिया गया था और इसके संग्रह का उपयोग उस ऋण को चुकाने के लिए किया जा रहा है जो केंद्र ने राज्यों को कोविड की अवधि के दौरान जीएसटी राजस्व हानि की भरपाई के लिए लिया था।
उस ऋण का पूरा भुगतान दिसंबर में किसी समय किया जाएगा, इसलिए मुआवजा उपकर समाप्त हो जाएगा।
जीएसटी परिषद ने तीन सितंबर, 2025 को तंबाकू और पान मसाला पर लिया गया कर्ज चुकाने तक मुआवजा उपकर जारी रखने का फैसला किया था।
विलासिता से जुड़ी अन्य वस्तुओं पर क्षतिपूर्ति उपकर 22 सितंबर को समाप्त हो गया, जब जीएसटी दर को तर्कसंगत बनाने के लिए पांच और 18 प्रतिशत के केवल 2 स्लैब के साथ लागू किया गया था। ‘अल्ट्रा-लक्जरी’ सामान, वातित पेय (कार्बोनेटिड ड्रिंक) और अन्य हानिकारक वस्तुओं के लिए 40 प्रतिशत की दर तय की गई थी।
केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025 और ‘स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025’ यह सुनिश्चित करेंगे कि क्षतिपूर्ति उपकर बंद होने के बाद तंबाकू और पान मसाला जैसी हानिकारक वस्तुओं पर कर की दर समान रहें।
भाषा हक
हक