जी20 : प्रधानमंत्री मोदी ने दुर्लभ खनिज पुनर्चक्रण पहल और उपग्रह आंकड़ा साझेदारी का प्रस्ताव किया
धीरज सुरेश
- 22 Nov 2025, 11:40 PM
- Updated: 11:40 PM
(तस्वीरों के साथ)
जोहानिसबर्ग, 22 नवंबर (भाषा) दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में भारत ने शनिवार को दुर्लभ खनिजों के दोबारा उपयोग संबंधी पहल का प्रस्ताव रखा, जिसका उद्देश्य पुनर्चक्रण, शहरी खनन, सेकंड-लाइफ बैटरियों और संबंधित नवाचारों को बढ़ावा देना है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मौके पर कहा कि देश पूरी तरह से सतत और स्वच्छ ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्ध है।
मोदी ने जोहानिसबर्ग में जी20 शिखर सम्मेलन के दूसरे सत्र में अपने संबोधन में ‘मुक्त उपग्रह आंकड़ा साझेदारी’ स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा, जिसके तहत जी20 की अंतरिक्ष एजेंसियों के उपग्रह डेटा और विश्लेषण को ‘ग्लोबल साउथ के देशों के लिए अधिक सुलभ’ बनाया जा सकेगा।”
‘ग्लोबल साउथ’ उन देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है जो विकासशील या कम विकसित हैं और ये अधिकतर दक्षिणी गोलार्ध में अवस्थित हैं।
जी20 का दूसरा सत्र ‘एक लचीला विश्व-जी20 का योगदान: आपदा जोखिम न्यूनीकरण, जलवायु परिवर्तन, न्यायसंगत ऊर्जा संक्रमण, खाद्य प्रणालियां’ विषय पर आयोजित किया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘जोहानिसबर्ग में जी20 शिखर सम्मेलन का दूसरा सत्र आपदाओं, जलवायु परिवर्तन और न्यायसंगत ऊर्जा संक्रमण तथा मजबूत खाद्य प्रणालियों के मद्देनजर एक लचीले विश्व के निर्माण पर केंद्रित था। भारत इन सभी क्षेत्रों में सक्रिय रूप से काम कर रहा है और एक मानव-केंद्रित और समावेशी भविष्य का निर्माण कर रहा है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सतत और स्वच्छ ऊर्जा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘इसी कारण हम ‘पुनर्चक्रण, शहरी खनन, ‘सेकंड-लाइफ बैटरियों’ और संबंधित नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए जी20 दुर्लभ खनिज चक्रण पहल’ का प्रस्ताव पेश करते हैं।’’
‘सेकंड-लाइफ बैटरी’ ऐसी बैटरियों से हैं, जिन्हें उनके प्रारंभिक जीवन चक्र के समाप्त होने के बाद किसी अन्य उपयोग के लिए लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा जलवायु परिवर्तन का सबसे प्रतिकूल प्रभाव कृषि क्षेत्र पर पड़ता है, जिससे खाद्य सुरक्षा प्रभावित होती है।
मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत इन चुनौतियों का सामना दुनिया के सबसे बड़े खाद्य सुरक्षा और पोषण समर्थन कार्यक्रम, दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना और फसल बीमा योजना के माध्यम से कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत पोषण से भरपूर श्री अन्न या मोटे अनाज को बढ़ावा देने में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का मानना है कि महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों को मजबूत वैश्विक सहयोग के माध्यम से समाधान किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इसी कारण से भारत ने अपनी जी20 अध्यक्षता के दौरान आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यबल की स्थापना की थी, जब आपदा से निपटने की बात आती है, तो दृष्टिकोण केवल प्रतिक्रिया-केंद्रित नहीं, बल्कि विकास-केंद्रित होना चाहिए।
मोदी शुक्रवार को दक्षिण अफ्रीका द्वारा आयोजित शिखर सम्मेलन के लिए जोहानिसबर्ग के बाहरी इलाके में स्थित गौटेंग के वाटरक्लूफ वायुसेना ठिकाने पर पहुंचे थे।
भाषा धीरज