इस साल के अंत तक 692 सीएनजी बसें सड़क से हटाई जाएंगी: डीटीसी
धीरज दिलीप
- 22 Nov 2025, 09:09 PM
- Updated: 09:09 PM
नयी दिल्ली, 22 नवंबर (भाषा) दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने पूर्वी दिल्ली में बस मार्गों को तर्कसंगत बनाने की प्रायोगिक परियोजना को पूरा कर लिया है और अब इसके तहत 692 सीएनजी बसों को क्रमवार तरीके से इस साल के अंत तक सड़कों से हटाया जाएगा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मार्गों को तर्कसंगत बनाने की प्रक्रिया पश्चिमी और उत्तरी क्षेत्रों में भी लागू की जाएगी, लेकिन किसी भी 12-मीटर बस मार्ग को बंद नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कम बस बेड़े की उपलब्धता के बावजूद, प्रत्येक मार्ग पर कम से कम एक बस संचालित की जाएगी।
अधिकारी ने बताया, ‘‘ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)दिल्ली नौ मीटर लंबी बसों के मार्गों के तर्कसंगत बनाने का कार्य कर रहा है, जबकि डीटीसी और कलस्टर बसों का संचालन करने वाली दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी मोडल ट्रांजिट सिस्टम लिमिटेड (डीआईएमटीएस) ने 12 मीटर लंबी बसों के 121 मार्गों का संयुक्त रूप से पुनर्गठन किया है। यह कार्य पूर्वी दिल्ली के लिए किया गया।’’
उन्होंने बताया कि कुल 121 मार्गों में से 100 ऐसे थे, जिन पर केवल डीटीसी की बसें संचालित की जाती हैं, जबकि 12 मार्ग पर क्लस्टर बसों का परिचालन होता है। वहीं नौ मार्ग ऐसे भी थे, जिन पर डीटीसी और क्लस्टर बस दोनों सेवा देते हैं।
अधिकारी ने बताया कि इस समय कुल 2,442 सीएनजी बसों (692 डीटीसी, 1,750 क्लस्टर) का परिचालन हो रहा है, जिनमें 692 डीटीसी सीएनजी बसें अपनी परिचालन अवधि समाप्त कर चुकी हैं और इसलिए वे 2025 के अंत तक सड़क से हटा दी जाएंगी और 1,750 सीएनजी क्लस्टर बसें भी इसी कारण से 2030-31 तक हटाई जाएंगी।
अधिकारी ने बताया कि डीटीसी और डीआईएमटीएस की बस बेड़े की संख्या धीरे-धीरे घट रही है, क्योंकि 15 साल पुरानी सीएनजी लो-फ्लोर बसों को वैधानिक नियमों के अनुपालन में क्रमिक रूप से हटाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि बसों की घटती संख्या ने मौजूदा निर्धारित परिचालन और सभी मौजूदा मार्गों पर लगातार यात्री सेवाएं सुनिश्चित करने में बड़ी चुनौतियां पैदा कर दी हैं।
अधिकारी ने बताया कि मार्गों के युक्तिसंगत बनाने का उद्देश्य मांग, सवारी संख्या और मार्ग की महत्ता के आधार पर बस बेड़े का इष्टतम पुनर्वितरण और उपयोग सुनिश्चित करना है।
उन्होंने बताया कि एकीकृत समय-सारणी तैयार करते समय, अधिक सेवाएं सुनिश्चित करने और यात्रियों के प्रतीक्षा समय को कम करने के लिए व्यस्ततम घंटों में अतिरिक्त बसें संचालित की जाएंगी, जबकि कम व्यस्त घंटों में कम बसें रखी गई हैं।
अधिकारी ने बताया कि सेवा अवधि पूरी कर चुकी सीएनजी बसों को हटाने के कारण कुछ मुख्य मार्गों पर सेवा प्रभावित होने से बचाने के लिए वर्तमान में संचालित की जा रही ‘देवी’ (दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल इंटरकनेक्टर) बसों के 50 प्रतिशत बेड़े का इस्तेमाल चयनित 12 मीटर मार्गों पर उपयोग किया जा सकता है।
अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष जनवरी से जून के बीच डीटीसी और क्लस्टर बसों में रोजाना औसत 14.25 लाख पुरुषों और 14.79 लाख महिलाओं ने यात्रा की।
भाषा धीरज