वडेट्टीवार ने निकाय चुनावों में मनसे संग गठबंधन का समर्थन किया; भाजपा ने ‘सुविधा की सियासत’ बताया
संतोष माधव
- 22 Nov 2025, 05:31 PM
- Updated: 05:31 PM
मुंबई, 22 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र में कांग्रेस आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के साथ गठबंधन को लेकर बंटी हुई दिखाई दी। वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ने एकजुट होकर चुनाव लड़ने का समर्थन किया, जो इस मुद्दे पर राज्य और मुंबई कांग्रेस के नेताओं के विचारों से उलट है।
हालांकि, वडेट्टीवार ने कहा कि कांग्रेस गठबंधन बनाने के लिए अपनी विचारधारा से समझौता नहीं करेगी। उन्होंने राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार के उस बयान का हवाला दिया जिसमें उन्होंने भाजपा को हराने के लिए विपक्षी एकता के महत्व पर जोर दिया था।
कांग्रेस विधायक दल के नेता ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘आखिरकार विचारधारा मायने रखती है। हम मनसे को शामिल करते हुए एकजुट होकर लड़ाई लड़ने के प्रति सकारात्मक हैं। भाजपा को हराने के लिए सभी को एक साथ आना होगा।’’
उन्होंने मतदाता सूची में कथित विसंगतियों के खिलाफ इस महीने की शुरुआत में मुंबई में विपक्षी एमवीए द्वारा आयोजित ‘सत्याग्रह मोर्चा’ में मनसे की भागीदारी का भी जिक्र किया।
वडेट्टीवार का मनसे को खुला समर्थन मुंबई कांग्रेस इकाई के फैसले के उलट है, जिसने बीएमसी चुनावों में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने दोहराया है कि पार्टी कभी भी ‘हिंसा में लिप्त लोगों’ से हाथ नहीं मिलाएगी।
महा विकास आघाडी (एमवीए) के सदस्य उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उबाठा) और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे के बीच बढ़ती नज़दीकियों ने स्पष्ट रूप से कांग्रेस के स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने के फैसले को आकार दिया था।
मनसे पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए मुंबई कांग्रेस की प्रमुख वर्षा गायकवाड़ ने कहा था कि कांग्रेस उन लोगों से कभी गठबंधन नहीं करेगी जो कानून अपने हाथ में लेते हैं और दूसरों को धमकाते हैं।
इस बीच, वडेट्टीवार ने दावा किया कि भाजपा का वह आंतरिक सर्वेक्षण ‘मनगढ़ंत’ है जिसमें आगामी मुंबई नगर निगम चुनाव में उसे महत्वपूर्ण लाभ मिलने का अनुमान जताया गया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने मनसे के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस के रुख में आए ‘राजनीतिक रूप से सुविधाजनक’ बदलाव की आलोचना की। बावनकुले ने कहा कि कांग्रेस ने पहले मनसे के साथ किसी भी गठबंधन का कड़ा विरोध किया था, क्योंकि मनसे हिंदी भाषी लोगों के खिलाफ आक्रामक आंदोलन चलाती रही है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘पार्टी नेतृत्व ने हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की नाराजगी के डर से यह रुख अपनाया था। अब कांग्रेस महाराष्ट्र में निकाय चुनाव से पहले अपनी सुविधा के लिए अपने रुख में बदलाव कर रही है।’’
भाषा संतोष