माकपा और दूसरी पार्टियों ने केरल में 'जल्दबाजी' में एसआईआर कराने की आलोचना की
आशीष दिलीप
- 22 Nov 2025, 05:14 PM
- Updated: 05:14 PM
तिरुवनंतपुरम, 22 नवंबर (भाषा) केरल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रतन यू केलकर द्वारा शनिवार को बुलाई गई बैठक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को छोड़कर राज्य के राजनीतिक दलों ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चिंता जताई और दावा किया कि इसे जल्दबाजी में किया जा रहा है।
सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने पुनरीक्षण प्रक्रिया की कड़ी आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि इसे "लोगों की चिंताओं को दूर किए बिना किया जा रहा है।"
बैठक में पार्टी की तरफ से माकपा नेता एम विजयकुमार ने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया के दौरान एक ‘बूथ लेवल ऑफिसर’ (बीएलओ) ने आत्महत्या कर ली और पांच अन्य की मौत हो गई। उन्होंने कहा, "यह दुख की बात है कि एक प्रक्रिया जो धैर्य के साथ और सही तरीके से की जा सकती थी, उसे इतनी जल्दबाजी में किया जा रहा है।"
उन्होंने कहा कि एसआईआर कराने की कानूनी वैधता अभी उच्चतम न्यायालय में लंबित है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने आयोग के रुख की निंदा करते हुए चिंता जताई कि जनता की मुश्किलों को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) की तरफ से मुहम्मद शाह ने भी एसआईआर प्रक्रिया पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह जल्दबाजी में की जा रही है।
आईयूएमएल नेता के अनुसार, निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिया है कि भरे हुए गणना प्रपत्र 23 नवंबर तक वापस कर दिए जाएं, और डिजिटल प्रक्रिया 24 और 25 नवंबर को होगी।
उन्होंने सवाल किया, "जब चार दिसंबर तक का समय है, तो जल्दबाजी क्यों की जा रही?’’ उन्होंने कहा कि भारत का निर्वाचन आयोग एक स्वतंत्र संवैधानिक संस्था है, लेकिन वह ऐसे फैसले नहीं ले सकता, जिससे जनता को परेशानी हो।
मुहम्मद शाह ने आरोप लगाया कि समय बढ़ाने के बजाय अब समय को घटा दिया गया है। उन्होंने कहा, "हमें शक है कि नयी तारीखें 26 नवंबर को उच्चतम न्यायालय की सुनवाई से जुड़ी हैं। यह दिखाने का दबाव हो सकता है कि 80 प्रतिशत घरों ने 25 नवंबर तक प्रपत्र वापस कर दिए हैं।"
उन्होंने दावा कि कुछ बीएलओ को जितनी जल्दी हो सके उतनी ज़्यादा प्रपत्र संबंधी जानकारी अपलोड करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा, "आप लोगों की नागरिकता के साथ खेल रहे हैं। हो सकता है कि कई लोग 2002 के एसआईआर डेटा का हिस्सा न हों। इसमें जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए।"
उन्होंने यह भी दावा किया कि संशोधन के दौरान 1.19 लाख लोगों का पता नहीं लगाया जा सका।
बैठक में पार्टी की तरफ से भाजपा नेता जे आर पद्मकुमार ने आरोप लगाया कि यूडीएफ (यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट) और एलडीएफ (लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट) केरल में "प्रक्रिया को पटरी से उतारने" के लिए सरकारी कर्मचारियों की ट्रेड यूनियनों को शामिल कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "लोकतंत्र में लोगों को निर्वाचन आयोग के खिलाफ करना सही नहीं है। इससे खतरनाक स्थिति पैदा हो सकती है।"
भाषा आशीष