नासिक में कुंभ मेले की तैयारियों के लिए पेड़ों की कटाई का विरोध
शुभम नरेश
- 21 Nov 2025, 04:45 PM
- Updated: 04:45 PM
मुंबई, 21 नवंबर (भाषा) कुंभ मेले से पहले नासिक के तपोवन क्षेत्र में साधु ग्राम कॉलोनी विकसित करने के लिए पेड़ों की प्रस्तावित कटाई को लेकर स्थानीय लोग और पर्यावरण समूह, नगर निकाय की योजना के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। नासिक में 2027 में सिंहस्थ कुंभ मेला लगने वाला है।
नासिक नगर निगम (एनएमसी) के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत 54 एकड़ भूमि से 1,700 से अधिक पेड़ों को हटाने का प्रस्ताव है।
पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने लगभग 1,670 पेड़ों को पीले रंग से चिह्नित किए जाने के बाद 400 आपत्तियां दर्ज की हैं और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इनमें से लगभग 40 प्रतिशत पेड़ों को काटने का प्रस्ताव है।
महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि जहां भी संभव होगा पेड़ों को स्थानांतरित करने और क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण करने का प्रयास किया जाएगा।
महाजन ने कहा कि कुंभ मेला भारत और विश्व भर से संतों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा और प्रशासन को पर्याप्त व्यवस्था करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक काटे गए पेड़ के बदले दस नए पेड़ लगाए जाएंगे। साथ ही उन्होंने साधु ग्राम कॉलोनी स्थापित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
बृहस्पतिवार को प्रदर्शनकारियों से मिलने के बाद उन्होंने कहा, "नासिक में सिंहस्थ कुंभ मेले के लिए न केवल भारत से बल्कि दुनिया भर से संत और महंत आएंगे। इसी पृष्ठभूमि में तपोवन में नासिक नगर निगम द्वारा एक साधु ग्राम विकसित किया जा रहा है। 1,800 से अधिक पेड़ों को काटे जाने की आवश्यकता है। प्रकृति प्रेमियों ने इसका विरोध करते हुए प्रदर्शन शुरू किया।"
मंत्री ने कहा कि जिन पेड़ों को प्रत्यारोपित किया जा सकता है उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित किया जाएगा तथा जिन पेड़ों को हटाने की आवश्यकता होगी उनके लिए प्रत्येक काटे गए पेड़ के बदले दस नए पेड़ लगाए जाएंगे।
हालांकि, योजना का विरोध करने वाले कार्यकर्ताओं ने जोर देकर कहा कि वे कुंभ मेले का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि पुराने और बड़े पेड़ों को काटे जाने के खिलाफ हैं।
कपिला नदी संरक्षण समिति के योगेश बर्वे ने दावा किया कि नासिक में अतीत में कुंभ मेले के आयोजन के लिए कभी भी बड़े पेड़ों को नहीं काटा गया।
उन्होंने कहा, "अब तो सदियों पुराने बरगद, इमली, पीपल और बेर के पेड़ों को भी चिन्हित कर दिया गया है। अगर 100 साल पुराने पेड़ों को काटा गया तो हम विरोध करेंगे।"
एनएमसी की अतिरिक्त आयुक्त करिश्मा नायर ने कहा कि पुराने पेड़ों को संरक्षित किया जाएगा और जहां निर्माण कार्य प्रभावित होगा वहां केवल छोटे पेड़ों को हटाया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा, "केवल निर्माण कार्य से प्रभावित और दस साल से कम पुराने पेड़ ही काटे जाएंगे। अगर सात साल पुराना पेड़ हटाया जाता है तो सात नए पेड़ लगाए जाएंगे। पुराने पेड़ों का संरक्षण नगर निगम की जिम्मेदारी है।"
साधु ग्राम योजना लगभग 1,200 एकड़ में बनाई जा रही है जहां आयोजन के दौरान वैष्णव संप्रदाय के संत ठहरेंगे।
भाषा
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