संजौली मस्जिद विवाद: मांगें स्वीकार किए जाने के बाद देवभूमि संघर्ष समिति ने प्रदर्शन समाप्त किया
राखी रंजन
- 21 Nov 2025, 04:36 PM
- Updated: 04:36 PM
शिमला, 21 नवंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश के संजौली में स्थित मस्जिद को तुरंत सील करने की मांग करते हुए देवभूमि संघर्ष समिति ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया और कहा कि कथित तौर पर प्रशासन ने उनकी मांगें मान ली हैं। संजौली मस्जिद को यहां की एक अदालत ने गैर-कानूनी घोषित कर दिया है।
यह मस्जिद शिमला नगर के उपनगरीय क्षेत्र में स्थित है।
हिंदू रक्षा मंच के अध्यक्ष कमल गौतम ने कहा कि अधिकारियों के साथ बातचीत बृहस्पतिवार रात से जारी थी और प्रशासन ने हमारी सभी मांगें मान ली हैं।
गौतम ने बताया कि उनकी मांगों में मस्जिद को तत्काल सील करना, मस्जिद की बिजली-पानी आपूर्ति बंद करना और पिछले शुक्रवार को मुस्लिमों को नमाज पढ़ने से रोकने की कोशिश करने वाले लोगों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी वापस लेना शामिल था।
उन्होंने बताया कि कुछ मांगों पर तुरंत कार्रवाई होगी, जबकि कुछ में समय लगेगा।
उन्होंने बताया कि समिति की आठ सदस्यीय कमेटी 29 नवंबर को शिमला के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट से मिलेगी, क्योंकि कुछ कानूनी प्रक्रियाएं शेष हैं। हालांकि, मामला पूरी तरह सुलझने तक भूख हड़ताल जारी रहेगी।
सदस्यों ने स्थानीय लोगों से अपील की थी कि विरोध प्रदर्शन के कारण बच्चों को होने वाली असुविधा से बचाने के लिए वे शुक्रवार को उन्हें स्कूल न भेजें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि वे न तो मस्जिद के पास जाएंगे और न ही ढांचे को किसी प्रकार का नुकसान पहुंचाएंगे।
समिति के सदस्य अपनी मांगों को लेकर पिछले चार दिनों से अनशन पर बैठे हैं। पिछले शुक्रवार को समिति के सदस्यों ने कुछ मुस्लिमों को मस्जिद में नमाज अदा करने से रोक दिया था और विवाद बढ़ने पर कुछ लोग बिना नमाज़ पढ़े ही लौट गए थे।
इसके बाद स्थानीय पुलिस ने धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
हालांकि, समिति के सदस्यों का कहना था कि अदालत ने मस्जिद को अवैध घोषित किया है और इसलिए “विवादित एवं अवैध ढांचे” में नमाज नहीं पढ़ी जानी चाहिए। शिमला जिला अदालत ने 30 अक्टूबर को मस्जिद को गिराने के शिमला नगर निगम आयुक्त न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा था।
शर्मा ने आरोप लगाया कि “अदालत ने अवैध ढांचे को गिराने का आदेश दिया था, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। मस्जिद की बिजली और पानी की आपूर्ति बंद करने के बजाय समिति के सदस्यों का उत्पीड़न किया जा रहा है और उन पर मामले दर्ज किए गए हैं।”
भाषा राखी