रजत शर्मा के ‘डीपफेक’ वीडियो वाले यूट्यूब चैनल को बंद करें : उच्च न्यायालय का गूगल को निर्देश
अविनाश दिलीप
- 07 Nov 2025, 07:28 PM
- Updated: 07:28 PM
नयी दिल्ली, सात नवंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को गूगल कंपनी को निर्देश दिया कि वह पत्रकार रजत शर्मा के व्यक्तित्व अधिकारों का उपयोग करते हुए ‘डीपफेक’ और ‘‘फर्जी’ वीडियो प्रसारित करने वाले दो यूट्यूब चैनलों को बंद करे।
अदालत ने गूगल को 36 घंटों के भीतर इन चैनलों को बंद करने और एक सप्ताह के भीतर ‘बीएसआई’ विवरण, पहुंच और संपर्क विवरण और चैनलों के मुद्रीकरण ब्योरे का खुलासा करने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने कहा, ‘‘आवेदन में किए गए इन दावों को ध्यान में रखते हुए कि इन चैनलों पर अपलोड वीडियो फर्जी, छेड़छाड़ किए हुए और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) द्वारा बनाए गए हैं, जो वादी संख्या एक (शर्मा) के बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं, अदालत संतुष्ट है कि वादी ने अनुरोध के अनुसार निर्देश जारी करने का मामला बनता है।’’
अदालत ने शर्मा और गूगल को बैठक करने का भी निर्देश दिया, जहां पत्रकार ‘डीपफेक’ सामग्री के बारे में गूगल को अवगत करा सकें।
अदालत ने गूगल से यह सुनिश्चित करने को कहा कि एक समान सामग्री को हटा दिया जाए, ताकि वादी को चैनलों पर ऐसी सामग्री की जांच करने के प्रयास करने की जिम्मेदारी से मुक्त किया जा सके।
उसने कहा कि यह कार्रवाई न केवल वादी के कानूनी अधिकारों और वैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि इससे गलत सूचना के प्रसार को रोकने में भी मदद करेगी।
अदालत ने शर्मा के व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा की मांग संबंधी उनके नए अंतरिम आवेदन को स्वीकार कर लिया।
अदालत कई प्रतिवादियों के खिलाफ पत्रकार के मुकदमे की सुनवाई कर रही है।
मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि ये कंपनियां गंभीर रूप से गलत सूचना फैला रही हैं और शर्मा की तस्वीर तथा आवाज के साथ छेड़छाड़ की गयी है तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता का गलत इस्तेमाल किया गया है।
शर्मा की ओर से पेश वकील की दलील थी कि दोनों चैनल मुख्य रूप से पत्रकार पर केंद्रित थे, इसलिए वे केवल सामग्री ही नहीं, बल्कि चैनलों को भी हटाने की प्रार्थना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यूट्यूब चैनलों ने शर्मा के समाचार चैनल से कॉपीराइट वाली फुटेज को अनधिकृत रूप से उठाया और उसमें छेड़छाड़ और संपादन किया।
अदालत ने शर्मा को किसी भी अन्य चैनल पर उनके खिलाफ अपलोड किए गए फर्जी वीडियो के बारे में गूगल से संपर्क करने की स्वतंत्रता दी और गूगल को 48 घंटों के भीतर उन्हें हटाने का आदेश दिया।
भाषा अविनाश