स्थानीय निकाय चुनाव में वीवीपैट का इस्तेमाल नहीं करने के फैसले के खिलाफ याचिका पर आयोग को नोटिस
संतोष नरेश
- 07 Nov 2025, 04:31 PM
- Updated: 04:31 PM
नागपुर, सात नवंबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने शुक्रवार को महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) को आगामी स्थानीय निकाय चुनाव में वीवीपैट का इस्तेमाल नहीं करने के उसके फैसले को चुनौती देने वाली एक याचिका पर नोटिस जारी किया।
न्यायमूर्ति अनिल किलोर की अध्यक्षता वाली पीठ ने निर्वाचन आयोग से अगले सप्ताह तक याचिका पर जवाब मांगा है।
अधिवक्ता पवन दहत और निहाल सिंह राठौड़ के माध्यम से दायर अपनी याचिका में कांग्रेस नेता प्रफुल्ल गुडाधे ने कहा कि पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया के लिए ‘वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल मशीन’ (वीवीपैट) आवश्यक है।
याचिका में कहा गया है कि अगर एसईसी वीवीपैट का इस्तेमाल नहीं करने जा रहा है, तो चुनाव मतपत्रों से कराए जाने चाहिए।
वीवीपैट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से जुड़ी एक स्वतंत्र प्रणाली है, जो मतदाताओं को यह सत्यापित करने की अनुमति देती है कि उनका वोट उनके इरादे के अनुसार डाला गया है।
याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय से एसईसी को आगामी स्थानीय निकाय चुनाव के लिए मतपत्रों के माध्यम से चुनाव कराने का निर्देश देने या वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल नहीं करने के आयोग के फैसले को रद्द करने का आग्रह किया है।
उन्होंने अदालत से राज्य निर्वाचन आयोग को किसी भी चुनाव में वीवीपीएटी के बिना ईवीएम का उपयोग करने से रोकने का अनुरोध किया।
याचिका में कहा गया है कि मतदान का अधिकार एक मौलिक अधिकार है और प्रत्येक नागरिक को यह जानने का अधिकार है कि उसका वोट सही तरीके से पड़ा है या नहीं।
गुडाधे ने वर्ष 2013 के सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए वीवीपैट एक अनिवार्य आवश्यकता है।
याचिका में कहा गया है, ‘‘वीवीपैट के इस्तेमाल के बिना, वोट दर्ज करने वाली ‘इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ (ईवीएम) सत्यापन योग्य नहीं रह जातीं। ऐसा कोई अन्य तरीका नहीं है जिससे यह पता लगाया जा सके कि वोट सही तरीके से दर्ज किया गया है या नहीं।’’
याचिका में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग चुनावों में निष्पक्षता की कीमत पर एक अपारदर्शी और अविश्वसनीय प्रणाली का इस्तेमाल करने पर ‘अड़ा हुआ’ है।
याचिका में कहा गया,‘‘ऐसा कोई नियम नहीं है कि चुनाव ईवीएम के जरिए ही कराए जाएं। अगर निर्वाचन आयोग वीवीपैट मशीनों की कमी का सामना कर रहा है, तो इसे मतपत्रों के जरिए भी कराया जा सकता है।’’ राज्य में विभिन्न स्थानीय निकायों के चुनाव जनवरी 2026 तक होने हैं।
भाषा संतोष