युवा भारत का खोया गौरव वापस लाएं, जाति और धर्म के विभाजन से दूर रहें : वायुसेना प्रमुख
धीरज सुरेश
- 06 Nov 2025, 10:32 PM
- Updated: 10:32 PM
(तस्वीरों के साथ)
गांधीनगर, छह नवंबर (भाषा) वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बृहस्पतिवार को युवाओं से भारत को अतीत की तरह एक महान देश बनाने और जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव का त्याग करने का आह्वान किया।
वायुसेनाध्यक्ष कर्णावती विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह के दौरान छात्रों को संबोधित कर रहे थे।
एयर चीफ मार्शल सिंह ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘मुझे जिम्मेदारी के पहलू पर बोलने दीजिए। हमें इस देश को महान बनाना है। हम कभी दुनिया में अग्रणी थे, लेकिन पिछली कुछ शताब्दियों में हम पिछड़ गए। अगर हमें फिर से अच्छा करना है, तो आप जैसे लोग ही महत्वपूर्ण होंगे, जो इस देश का भविष्य हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करें। कोई सामाजिक विभाजन नहीं होना चाहिए, क्योंकि जो भी हमें बांटता है वह अच्छा नहीं है। हमारी रगों में एक ही खून बहता है और हम सभी एक ही देश के हैं। जाति या धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। तभी हमारा देश प्रगति करेगा।’’
एयर चीफ मार्शल सिंह ने छात्रों से कहा कि कुछ भी बनने से पहले उन्हें करुणा, ईमानदारी, निष्ठा और नि:स्वार्थता जैसे गुणों वाला अच्छा इंसान बनने का प्रयास करना होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘टीम के रूप में कार्य करना बहुत महत्वपूर्ण है। याद रखें कि हम सभी एक बड़ी व्यवस्था का हिस्सा हैं। हम सभी दीवार में लगी ईंटों की तरह हैं। हम सभी को अपना कर्तव्य निभाना होगा। यह राष्ट्र आपसे और मुझसे बना है। अगर हम भारत को महान बनाना चाहते हैं, तो हमें पहले खुद को बेहतर इंसान बनाना होगा।’’
वायुसेनाध्यक्ष ने लोगों से समाज को कुछ वापस देने के बारे में सोचने का आग्रह किया।
‘‘प्रत्येक सैनिक वर्दी में नागरिक है और प्रत्येक नागरिक बिना वर्दी के सैनिक है’’ जैसे वाक्यांश का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कुछ प्रयास और समय राष्ट्र और समाज के लिए समर्पित किया जाना चाहिए।
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने वहां मौजूद छात्रों से कहा, ‘‘आप जीवन में चाहे जो भी हासिल करें, जहां भी जाएं, अपनी जड़ों और अपने मूल को हमेशा याद रखें। अपने माता-पिता और शिक्षकों की शिक्षाओं को याद रखें। हमेशा विनम्र रहें और जमीन से जुड़े रहें। सफलता का कोई ‘शॉर्टकट’ नहीं है। आपको कड़ी मेहनत करनी होगी।’’
दीक्षांत समारोह के दौरान वायुसेनाध्यक्ष को ‘डॉक्टर ऑफ लिटरेचर’ की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
भाषा धीरज