विपक्ष की तरह सत्तारूढ़ शिवसेना के विधायक ने भी स्थानीय चुनाव स्थगित करने की मांग की
तान्या माधव
- 05 Nov 2025, 07:05 PM
- Updated: 07:05 PM
मुंबई, पांच नवंबर (भाषा) विपक्ष द्वारा मतदाता सूची में सुधार की मांग के बीच सत्तारूढ़ शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने भी बुधवार को चुनाव आयोग से स्थानीय निकाय चुनाव कम से कम 10 दिन के लिए स्थगित करने का आग्रह किया ताकि 'डुप्लिकेट' मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जा सकें।
उन्होंने कहा कि फर्जी मतदान से बेईमान उम्मीदवार चुनाव जीत सकते हैं। राज्य चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे ने मंगलवार को बताया कि महाराष्ट्र में 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों के चुनाव दो दिसंबर को होंगे और मतों की गिनती तीन दिसंबर को होगी।
हालांकि, 29 नगर निगमों, 32 जिला परिषदों और 336 पंचायत समितियों के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा अभी बाकी है, जहां चुनाव होने हैं।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना से जुड़े और बुलढाणा विधानसभा सीट से विधायक गायकवाड़ ने कहा, "भारत के निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची से दोहरे नामों को नहीं हटाया है। अगर चुनाव सिर्फ 10 दिन के लिए स्थगित कर दिए जाएं, तो इन गलतियों को सुधारना संभव हो जाएगा।"
उन्होंने दावा किया कि अकेले बुलढाणा जिले में हजारों मतदाताओं के नाम दोहराए गए हैं। उन्होंने जानना चाहा कि क्या निर्वाचन आयोग ने सूची की सत्यता की पुष्टि के लिए राज्य भर के लाखों मतदाताओं से लिखित गारंटी लेने की योजना बनाई है।
उन्होंने बताया कि बुलढाणा शहर में छह महीने की जांच के बाद लगभग 8,000 नकली नाम पाए गए।
गायकवाड़ ने चुनाव आयोग की चार से पांच दिनों के भीतर अंतिम सूची तैयार करने की क्षमता पर सवाल उठाते हुए कहा, "फर्जी मतदान के कारण बेईमान उम्मीदवार जीत सकते हैं।"
उन्होंने कहा, "चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग को ऐसी प्रविष्टियों पर सीधे 'हटाए गए' की मुहर लगा देनी चाहिए।"
शिवसेना (उबाठा), राकांपा (एसपी) और कांग्रेस के विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) ने मंगलवार को कहा कि चुनाव आयोग मतदाता सूची में नामों के दोहराव सहित कोई सुधार किए बिना चुनाव आगे बढ़ा रहा है।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के साथ एमवीए के घटकों ने एक नवंबर को मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं के खिलाफ एक विरोध मार्च - 'सत्यचा मोर्चा' (सत्य के लिए मार्च) आयोजित किया।
विपक्ष ने चुनाव आयोग पर मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं पर आंखें मूंद लेने का आरोप लगाया और कहा कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव इन कमियों को दूर करने के बाद ही होने चाहिए।
भाषा तान्या