एसआईआर को लेकर अभिषेक बनर्जी ने मोदी पर निशाना साधा, दिल्ली में प्रदर्शन की चेतावनी दी
आशीष अविनाश
- 04 Nov 2025, 09:40 PM
- Updated: 09:40 PM
(फोटो सहित)
कोलकाता, चार नवंबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा हमला बोला।
अभिषेक ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार इस प्रक्रिया का इस्तेमाल आम मतदाताओं को डराने और मताधिकार से वंचित करने के लिए कर रही है। उन्होंने कथित तौर पर इस कवायद के डर से हुई मौतों को लेकर नयी दिल्ली में बड़े प्रदर्शन की चेतावनी दी।
कोलकाता में रेड रोड पर बी आर आंबेडकर की प्रतिमा से लगभग चार किलोमीटर दूर जोरासांको तक रैली आयोजित की गई। रैली को संबोधित करते हुए अभिषेक ने दावा किया कि पिछले सात दिनों में राज्य में सात पात्र मतदाताओं ने एसआईआर के डर से अपनी जान दे दी।
इस कवायद को ‘हेराफेरी का अदृश्य प्रयास’ बताते हुए उन्होंने दावा किया, ‘‘मोदी आम जनता पर अपनी मनमानी थोपने की कोशिश करते हैं। चाहे वह नोटबंदी हो या नागरिकता संबंधी दस्तावेजों की मांग। उन्होंने हमेशा गरीब और मध्यम वर्ग पर अपने फरमान थोपने का प्रयास किया है। हम दिल्ली के जमींदारों के आगे झुकने वाले नहीं हैं।’’
अभिषेक ने दावा किया कि एसआईआर प्रक्रिया को लेकर फैले डर और भ्रम ने पहले ही कई जिंदगियां ले ली हैं। बनर्जी ने कहा कि अगर पात्र मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए गए तो बंगाल चुप नहीं रहेगा।
उन्होंने कहा, "जब उन्होंने जून में एसआईआर के लिए अधिसूचना जारी की थी, तो हमने कहा था कि अगर एक भी पात्र मतदाता का नाम सूची से हटाया गया, तो बंगाल की ताकत दिल्ली में दिखेगी। आज मैं सबसे पूछ रहा हूं: क्या आप दिल्ली जाने के लिए तैयार हैं? हम पूरे देश को बंगाल की ताकत दिखाएंगे।"
तृणमूल कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा से जुड़ी एक संस्था और निर्वाचन आयोग ने मिलकर एसआईआर के ज़रिए "डर का माहौल" बनाया है, जिससे "उन लोगों ने आत्महत्या कर ली जिन्हें बांग्लादेशी बताया गया, जबकि उनके नाम 2002 की मतदाता सूची में थे।"
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर सीधा हमला करते हुए अभिषेक ने कहा, "उन्होंने हाल ही में दावा किया था कि जो लोग यहां पैदा नहीं हुए हैं, उन्हें वोट देने का कोई अधिकार नहीं है। अगर उनमें हिम्मत है, तो वह यह कहें कि कराची में पैदा हुए लाल कृष्ण आडवाणी भी वोट नहीं दे सकते।"
उन्होंने भाजपा को चेतावनी दी कि वह हिंदू शरणार्थी समुदाय, मतुआ लोगों को नागरिकता के वादे करके गुमराह न करे।
भाषा आशीष