राजस्थान में 69.50 लाख से अधिक नए पात्र लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम का लाभ
पृथ्वी अमित
- 04 Nov 2025, 06:26 PM
- Updated: 06:26 PM
जयपुर, चार नवंबर (भाषा) राजस्थान में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) की सूची में अपात्र नामों को हटाने के लिए बड़े पैमाने पर चलाए गए सत्यापन अभियान के बाद 69.5 लाख से अधिक नए लाभार्थियों को जोड़ा गया है।
एक आधिकारिक बयान में मंगलवार को यह जानकार दी गई। इसके अनुसार राज्य में जनसंख्या के अनुपात में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के अंतर्गत लगभग 4.46 करोड़ लाभार्थियों की सीमा निर्धारित है। इसके अनुसार यह सीमा पूरी हो जाने के कारण नए पात्र व्यक्तियों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था। बयान के अनुसार मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने यह सुनिश्चित किया कि पात्र हकदारों को खाद्य सुरक्षा का अधिकार मिले। बयान के अनुसार इसी के तहत अपात्र लाभार्थियों को सूची से हटाने और नए पात्र लोगों को जोड़ने का काम किया गया।
बयान के अनुसार मुख्यमंत्री शर्मा ने 26 जनवरी 2025 को खाद्य सुरक्षा पोर्टल को पुनः शुरू किया। बयान के अनुसार इसके बाद से अब तक लगभग 69 लाख 50 हजार नए पात्र लाभार्थियों को एनएफएसए में जोड़ा जा चुका है।
बयान के अनुसार यह राज्य के इतिहास की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा उपलब्धियों में से एक है, जिससे वंचित वर्गों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है।
इसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में “गिव अप अभियान” इस ऐतिहासिक उपलब्धि में प्रमुख रूप से सहायक सिद्ध हुआ है। इसमें कहा गया है कि एक नवम्बर 2024 को शुरू हुए इस अभियान का उद्देश्य अपात्र लाभार्थियों को सूची से बाहर करके पात्र वंचितों को लाभ दिलाना था। इसमें कहा गया है कि राज्य भर में 41.95 लाख से अधिक अपात्र लोगों द्वारा स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा छोड़कर सामाजिक उत्तरदायित्व का परिचय दिया गया। इसमें कहा गया है कि साथ ही, 27 लाख से अधिक व्यक्ति ई-केवाईसी नहीं करवाने के कारण स्वतः सूची से बाहर हो गए, जिससे नए पात्र लाभार्थियों के लिए स्थान उपलब्ध हुआ।
बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा में 10 लाख नए लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा से जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया था, जिसे अल्प समय में ही पूरा कर लिया गया।
इसके अनुसार राज्य सरकार द्वारा पात्र वंचितों के नाम जोड़ने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। बयान में कहा गया है कि अब जिला कलेक्टर को भी एनएफएसए सूची में नए लाभार्थियों को सम्मिलित करने का अधिकार दिया गया है।
भाषा पृथ्वी