मणिपुर के चुराचांदपुर में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में चार उग्रवादी ढेर
धीरज पवनेश
- 04 Nov 2025, 07:38 PM
- Updated: 07:38 PM
इंफाल/चुराचांदपुर, चार नवंबर (भाषा) मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में मंगलवार सुबह मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों ने एक प्रतिबंधित संगठन के कम से कम चार उग्रवादियों को मार गिराया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रतिबंधित संगठन यूनाइटेड कुकी नेशनल आर्मी (यूकेएनए) के हथियारबंद सदस्यों की मौजूदगी की सूचना के आधार पर जिले के हेंगलेप उप-मंडल के अंतर्गत खानपी गांव में सुबह लगभग साढ़े पांच बजे एक अभियान शुरू किया गया।
यूकेएनए मणिपुर में शांति स्थापित करने के उद्देश्य से केंद्र, राज्य सरकार और कुकी और जोमी उग्रवादी समूहों के बीच हुए समझौते का हिस्सा नहीं है।
अधिकारी ने बताया कि अभियान के दौरान सेना के जवानों और उग्रवादियों के बीच भीषण गोलीबारी हुई।
अधिकारी ने कहा, ‘‘मुठभेड़ के दौरान कम से कम चार उग्रवादी मारे गए जबकि कई अन्य मौके से भाग गए।’’
उन्होंने बताया कि मारे गए उग्रवादियों की पहचान एलेक्स जम्मुआनलाल सिमटे, थांगमिनलाल हाओकिप, गिनलेनजॉन हाओकिप और थांगलेनलाल किपगेन के रूप में हुई है।
रक्षा विभाग के एक बयान में भी कहा गया है कि चार नवंबर की सुबह उग्रवादियों ने चुराचांदपुर से लगभग 80 किलोमीटर पश्चिम में खानपी गांव में एक खुफिया-आधारित अभियान के दौरान सेना की टुकड़ी पर बिना किसी उकसावे के गोलीबारी की।
बयान में कहा गया है कि सुरक्षा बलों और यूकेएनए के हथियारबंद सदस्यों के बीच हुई गोलीबारी में ‘‘प्रतिबंधित समूह के चार काडर को मार गिराया गया’’।
बयान में कहा गया है, ‘‘इस अभियान को हाल ही में यूकेएनए कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए अत्याचारों के बाद अंजाम दिया गया है, जिसमें एक ग्राम प्रधान की हत्या, स्थानीय लोगों को धमकाना और क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बाधित करने के प्रयास शामिल हैं। इन उग्रवादियों का सफलतापूर्वक सफाया भारतीय सेना और असम राइफल्स की निर्दोष नागरिकों की रक्षा करने, सभी खतरों को कम करने और मणिपुर में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’’
इस बीच, कुकी नागरिक समाज संगठनों ने गोलीबारी में चार उग्रवादियों के मारे जाने की निंदा की और उनके अंतिम संस्कार के दिन शोक मनाने के लिए चुराचांदपुर जिले में पूर्ण बंद का आह्वान किया। हालांकि, मारे गए उग्रवादियों के अंतिम संस्कार के समय को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है।
भाषा धीरज