टोरेस आभूषण घोटाला: तीन यूक्रेनी नागरिकों सहित चार लोगों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी
सुमित संतोष
- 03 Nov 2025, 08:25 PM
- Updated: 08:25 PM
मुंबई, तीन नवंबर (भाषा) मुंबई की एक विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत ने 177 करोड़ रुपये के टोरेस आभूषण घोटाला से जुड़े धन शोधन मामले में तीन यूक्रेनी नागरिकों सहित चार व्यक्तियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है।
पीएमएलए मामलों के विशेष न्यायाधीश आर बी रोटे ने एक नवंबर को अपने आदेश में कहा कि यह एक गंभीर आर्थिक अपराध है जो समाज की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर रहा है।
अदालत ने कहा कि इस मामले में 177 करोड़ रुपये की अपराध से अर्जित आय के संबंध में धन शोधन के आरोप हैं और आरोपियों के कृत्य के कारण कई निवेशकों को नुकसान हुआ है।
यह घोटाला प्लैटिनम हर्न प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है, जो 'टोरेस आभूषण' ब्रांड नाम के तहत काम करती थी। इन लोगों पर मोइसानाइट हीरे (जो कि स्वाभाविक रूप से पाया जाने वाला सिलिकॉन कार्बाइड है) और अन्य आभूषणों के बदले नकद राशि एकत्र करके ग्राहकों को ठगने का आरोप है।
आरोप है कि इस नकदी का उपयोग वैध व्यवसाय के बजाय हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से किया गया और बाद में इसे यूएसडीटी क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया गया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सरकारी अभियोजक सुनील गोंजाल्वेस के माध्यम से फरार आरोपी सागर मेहता के साथ-साथ यूक्रेनी नागरिकों ओलेक्सांद्र जैपिचेंको, ओलेना स्टोइयन और विक्टोरिया कोवालेंको के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने का अनुरोध किया था।
ईडी के अनुसार, सागर मेहता ने अपराध से अर्जित आय को एकत्र करने में कथित तौर पर मदद की और वह दिसंबर 2024 में देश छोड़कर भाग गया। मेहता ने ‘समन’ का जवाब नहीं दिया है और उसके पिता ने बताया है कि वह दुबई में है।
ईडी ने यह भी कहा कि प्लैटिनम हर्न प्राइवेट लिमिटेड के धन शोधन से जुड़े कामकाज के मुख्य कर्ताधर्ता जैपिचेंको और स्टोइयन हैं, जो अवैध पूंजी प्रदान करने, बेहिसाब नकदी को क्रिप्टोकरेंसी में बदलने और इसे वैध निवेश के रूप में पुनः प्रस्तुत करने में शामिल हैं।
विक्टोरिया कोवालेंको के पास कंपनी के 99.95 प्रतिशत शेयर हैं, जो प्लैटिनम हर्न प्राइवेट लिमिटेड की फरार विदेशी निदेशक हैं। ईडी ने कहा कि कंपनी पर पूर्ण नियंत्रण रखने वाली कोवालेंको की निर्णय लेने में अहम भूमिका अवैध धन शोधन में उसकी सीधी जवाबदेही को स्थापित करती है।
अदालत ने आदेश में कहा, "आरोपी धन शोधन जैसे गंभीर गैर-जमानती अपराध में शामिल हैं और वे गिरफ्तारी से बच रहे हैं। इसलिए, इस गंभीर आर्थिक अपराध की उचित और प्रभावी जांच और मुकदमे के हित में उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करना आवश्यक है।"
भाषा सुमित