भाजपा सांसद सिरोया का आरोप: कर्नाटक में शासन व्यवस्था पर ‘दो नेताओं के बेटों’ का दबदबा
सुभाष रंजन
- 03 Nov 2025, 05:59 PM
- Updated: 05:59 PM
बेंगलुरु, तीन नवंबर (भाषा) भाजपा सांसद लहर सिंह सिरोया ने सोमवार को कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियंक खरगे और कांग्रेस के विधानपार्षद (एमएलसी) यतींद्र सिद्धरमैया पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि राज्य में शासन व्यवस्था पर दो ‘‘नेताओं के बेटों’’ का दबदबा है, जो ‘‘बेवजह विवाद खड़ा करते हैं’’ तथा अपनी पार्टी और सरकार में ‘‘सभी वरिष्ठ लोगों की अनदेखी करते हैं।’’
सिरोया ने आरोप लगाया कि ‘‘घमंडी’’ होने और अपने ही आलाकमान के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के बावजूद, उन्हें बर्दाश्त किया जाता है।
उन्होंने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘इस बारे में पूरे यकीन के साथ नहीं कहा जा सकता कि दोनों अपनी मनमर्जी से ऐसा कर रहे हैं या अपने-अपने पिता के इशारों पर चल रहे हैं? अपने कई राजनीतिक मुलाकातों से मैंने सीखा है कि इन दोनों बेटों को उनकी ही पार्टी के लोग बहुत नापसंद करते हैं। उन्हें इसलिए बर्दाश्त किया जा रहा है क्योंकि उनके पिता ‘पावर’ में हैं। मुझे बताया गया है कि जैसे ही उनके पिता पद से हटेंगे, इन दोनों बेटों के लिए हालात बहुत अलग हो सकते हैं। अगर एक बेटा अब ‘सुपर कांग्रेस प्रेसिडेंट’ की तरह, तो दूसरा ‘सुपर चीफ मिनिस्टर’ की तरह काम करता है।’’
प्रियंक खरगे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे हैं, जबकि यतींद्र, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के बेटे हैं।
भाजपा सांसद ने दावा किया कि सभी विवादों के बावजूद, दोनों के पिता उन्हें रोकने या सुधारने में सक्षम नहीं हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘शायद वे पार्टी और सरकार में अपने दबदबे का गुपचुप तरीके से आनंद लेते हैं, और उनका इस्तेमाल उन बातों को कहने और करने के लिए एक माध्यम के तौर पर करते हैं जो वे सीधे तौर पर नहीं कह या कर सकते।’’
प्रियंक पर निशाना साधते हुए, भाजपा सांसद ने कहा कि मंत्री लगातार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा पर विचारधारात्मक बयान देते रहते हैं, जो राहुल गांधी की ‘‘नफ़रत भरी’’ भाषा से ज़्यादा मेल खाता है।
उन्होंने कहा कि हाल में, जब प्रियंक खरगे ने कहा था कि आरएसएस के पथ संचलन पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए, तो सिद्धरमैया सरकार ने बिना सोचे कि यह कानूनी तौर पर संभव है या नहीं, या यह विचार किये बिना कि यह ‘‘ठीक न होने वाले पूर्वाग्रह’’ से पैदा हुआ एक गैर-संवैधानिक काम है, इसे पूरी गंभीरता से लागू करना शुरू कर दिया।
भाजपा सांसद ने यतींद्र पर उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख डी. के. शिवकुमार को ‘‘कमज़ोर करने’’ की कोशिश करने का भी आरोप लगाया, ताकि उनके पिता मुख्यमंत्री बने रहें।
भाषा सुभाष