मुझ पर दबाव डालने के लिए मेरे परिजनों के खिलाफ मामले दायर किए गए: पूर्व प्रधान न्यायाधीश रमण
वैभव पारुल
- 02 Nov 2025, 07:38 PM
- Updated: 07:38 PM
अमरावती, दो नवंबर (भाषा) पूर्व प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण ने कहा है कि उन पर ‘‘दबाव डालने के लिए’’ उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामले दायर किए गए थे।
वीआईटी-एपी विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए, न्यायमूर्ति रमण ने राज्य की पूर्ववर्ती वाईएसआरसीपी सरकार का नाम लिए बिना शनिवार को कहा कि संवैधानिक सिद्धांतों को कायम रखने वाले न्यायपालिका के सदस्यों को भी दबाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा, ‘‘यहां उपस्थित अधिकांश लोग जानते हैं कि कैसे मेरे परिवार के सदस्यों को निशाना बनाया गया और उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए गए। यह सब केवल मुझे मजबूर करने के लिए किया गया था, और मैं अकेला नहीं था। उस कठिन दौर में, किसानों के मुद्दों के प्रति सहानुभूति रखने वाले सभी लोगों को धमकी और दबाव का सामना करना पड़ा।’’
न्यायमूर्ति रमण तत्कालीन वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार के खिलाफ किसानों के आंदोलन का जिक्र कर रहे थे। अमरावती को आंध्र प्रदेश की एकमात्र राजधानी के रूप में रद्द करने और विशाखापत्तनम को प्रशासनिक राजधानी, अमरावती को विधायी राजधानी और कुरनूल को न्यायिक राजधानी बनाने के ‘तीन राजधानियों’ के फॉर्मूले को अपनाने के तत्कालीन जगन मोहन सरकार के फैसले के खिलाफ आंदोलन किया गया था।
पूर्व प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि ऐसे समय में, जब कई नेता कोई रुख अपनाने में हिचकिचा रहे थे या चुप्पी साधे हुए थे, तब इस देश के न्यायविद, वकील और अदालतें ही थीं, जो अपनी संवैधानिक शपथ पर अड़ी रहीं।
उन्होंने कहा कि सरकारें भले ही बदलती रहें, लेकिन अदालतें और कानून का शासन स्थिरता का आधार बने रहते हैं, और कानून का शासन तभी कायम रहता है, जब लोग जनता के भरोसे पर खरे उतरते हैं और सुविधाओं के लिए अपनी ईमानदारी नहीं छोड़ते हैं।
पूर्व प्रधान न्यायाधीश ने अमरावती से अपने जुड़ाव को याद करते हुए कहा, ‘‘मैं अमरावती के किसानों के जज्बे को सलाम करता हूं, जिन्होंने सरकारी तंत्र की ताकतों का साहसपूर्वक सामना किया। मुझे किसानों के संघर्ष से बहुत प्रेरणा मिलती है। मैं न्यायिक व्यवस्था और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर भरोसा जताने के लिए उनका आभार भी जताता हूं।’’
आंध्र प्रदेश में मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद, अमरावती राजधानी परियोजना को पुनर्जीवित किया गया और अब इसका काम तेज गति से आगे बढ़ रहा है।
भाषा वैभव