सबरीमला मंदिर से सोना चोरी के मामले में पूर्व कार्यकारी अधिकारी गिरफ्तार
राखी सुरेश
- 01 Nov 2025, 07:34 PM
- Updated: 07:34 PM
पथनमथिट्टा (केरल), एक नवंबर (भाषा) केरल के प्रसिद्ध सबरीमला मंदिर से कथित तौर पर सोना गायब होने की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पूर्व कार्यकारी अधिकारी सुधीश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि कुमार 2019 में सबरीमला मंदिर के कार्यकारी अधिकारी थे। उन्हें तिरुवनंतपुरम स्थित अपराध शाखा कार्यालय में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया।
कुमार पर यह आरोप है कि उन्होंने द्वारपालक की मूर्तियों के सोने से मढ़े होने की बात छिपाई और मंदिर के आधिकारिक अभिलेखों में उन्हें तांबे की मूर्तियां बताकर दर्ज किया।
सूत्रों ने बताया कि कुमार 1990 के दशक में सबरीमला से जुड़े थे और उन्हें पता था कि 1998 से 1999 तक द्वारपालक की मूर्तियों सहित गर्भगृह पर सोने की परत चढ़ाई गयी थी।
एक अधिकारी ने बताया कि जब द्वारपालक की मूर्तियों के सोने की मढ़ने का काम मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी को सौंपा गया तो कुमार ने कथित तौर पर उन्हें तांबे की प्लेट के रूप में दर्ज किया, जिससे आरोपी बाद में मौजूदा सोने की परत को हटा सका।
कुमार ने त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) से सिफारिश की कि द्वारपालक प्लेटों को इलेक्ट्रोप्लेटिंग के लिए पोट्टी को सौंप दिया जाए।
सूत्रों ने बताया कि प्लेटों को हटाने का काम टीडीबी तिरुवभरणम (पवित्र आभूषण) आयुक्त की उपस्थिति के बिना किया गया।
कुमार इस मामले में गिरफ्तार किए गए तीसरे व्यक्ति हैं। उनसे पहले पोट्टी और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बी. मुरारी बाबू को गिरफ्तार किया गया था।
कुमार को यहां न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) की अदालत में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
अदालत ने आदेश दिया है कि आरोपी को सोमवार को दोबारा पेश किया जाए।
इस बीच, एसआईटी ने पोट्टी के करीबी सहयोगी वासुदेवन से भी पूछताछ की।
जांच अधिकारियों ने बताया कि वासुदेवन ने द्वारपालक की मूर्तियों के अलावा स्वर्ण की परत चढ़े आसन को अपने पास रखा था, जिसे बाद में पिछले महीने तिरुवनंतपुरम में पोट्टी के एक रिश्तेदार के घर से जब्त किया गया था।
एसआईटी द्वारपालक की उन मूर्तियों और श्रीकोविल (गर्भगृह) की चौखटों से सोने की चोरी से संबंधित दो मामलों की जांच कर रही है, जिन्हें 2019 में इलेक्ट्रोप्लेटिंग के लिए पोट्टी को सौंपा गया था।
भाषा
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