एंटीलिया के पास विस्फोटक मिलने का मामला: आरोपी को जमानत से इनकार
पारुल नरेश
- 31 Oct 2025, 07:05 PM
- Updated: 07:05 PM
मुंबई, 31 अक्टूबर (भाषा) मुंबई में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास ‘एंटीलिया’ के पास विस्फोटकों से लदी एसयूवी मिलने और व्यापारी मनसुख हिरेन की मौत से जुड़े मामले में एक आरोपी को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया कि वह “वास्तविक हमलावर था, जिसने पीड़ित का गला घोंटा था।”
अदालत ने कहा कि आरोपी सतीश मोथकुरी ने (जमानत के लिए) जिन समान आधारों का हवाला दिया है, वे उसके मामले में लागू नहीं होंगे, क्योंकि संबंधित अदालतों की ओर से जमानत पर रिहा किए गए सह-आरोपियों पर “पूरी तरह से अलग आरोप थे।”
अदालत ने कहा, “सतीश की भूमिका काफी गंभीर है। वह वास्तविक हमलावर है, जिसने पीड़ित मनसुख (हिरेन) का गला घोंट दिया, जिसके कारण मनसुख की मौत हो गई, जो प्रथम दृष्टया हत्या के समान गैर-इरादतन हत्या है।”
दक्षिण मुंबई में मुकेश अंबानी के आवास ‘एंटीलिया’ के पास 25 फरवरी 2021 को विस्फोटकों से लदी एक एसयूवी मिली थी। एसयूवी के मालिक मनसुख हिरेन का शव पांच मार्च को ठाणे में मुंब्रा नाले से बरामद हुआ था।
विशेष एनआईए न्यायाधीश चकोर एस बाविस्कर ने मोथकुरी की उस याचिका को 28 अक्टूबर को खारिज कर दिया, जिसमें उसने मामले के अन्य आरोपियों को जमानत मिलने और मुकदमे की सुनवाई में देरी सहित अन्य आधारों पर जमानत का अनुरोध किया था।
इस फैसला का विवरण शुक्रवार को उपलब्ध कराया गया।
अदालत ने कहा कि मुकदमे की सुनवाई में देरी के लिए आरोपी “जिम्मेदार” है।
उसने कहा, “मामले की सुनवाई अभी शुरू नहीं हुई है। लेकिन इसके लिए मुख्यत: आरोपी जिम्मेदार हैं। इस या किसी अन्य आरोपी की ओर से एक के बाद एक कोई न कोई आवेदन दायर किया जाता है। इसलिए, मुकदमे में देरी, अगर कोई हो तो, के लिए न तो अभियोजन पक्ष और न ही अदालत को दोषी ठहराया जा सकता है।”
अदालत ने कहा कि वैसे भी अपराध की गंभीरता और आरोपी की भूमिका को देखते हुए, समानता का यह आधार अकेले उसे जमानत पर रिहा करने का हकदार नहीं बनाता।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, मोथकुरी ने रुपयों के लालच में हिरेन की हत्या की साजिश में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया।
एनआईए ने दावा किया कि हत्या स्थल पर मोथकुरी की मौजूदगी “संतोषजनक रूप से स्थापित” कर दी गई है। उसने आरोप लगाया है कि मोथकुरी ने पीड़ित के शव को नाले में फेंक दिया और सबूत नष्ट करने का प्रयास किया।
मोथकुरी के अलावा, मामले के अन्य आरोपियों में बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे और प्रदीप शर्मा शामिल हैं।
भाषा पारुल