राजस्थान में निजी ‘स्लीपर’ बस वालों की हड़ताल, लोग हुए परेशान
राजकुमार
- 31 Oct 2025, 05:41 PM
- Updated: 05:41 PM
जयपुर, 31 अक्टूबर (भाषा) राजस्थान के कई शहरों में शुक्रवार को निजी ‘स्लीपर’ बसें नहीं चलने से बड़ी संख्या में यात्री परेशान हुए।
ये बस संचालक परिवहन विभाग द्वारा ऐसी बसों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं और उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है।
जोधपुर और कोटा समेत कई जिलों में निजी ‘स्लीपर’ बसें शुक्रवार को नहीं चलीं। ट्रैवल एजेंसियों ने बुकिंग रद्द कर दी है जिससे यात्रियों के पास राजस्थान राज्य परिवहन निगम रोडवेज की बसों और ट्रेनों का ही सहारा बचा।
हाल में कई ‘स्लीपर’ बसों में आग लगने एवं अन्य दुर्घटनाओं के बाद परिवहन विभाग ने अभियान छेड़ा है।
‘ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट बस ओनर्स एसोसिएशन’ की जोधपुर इकाई के अध्यक्ष जफर खान ने आरोप लगाया कि विभाग मनमाने तरीके से कार्रवाई कर रहा है और उसने परमिट के उल्लंघन के आरोप में कई बसों को जब्त कर लिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘अनिश्चितकालीन हड़ताल आज से शुरू हुई। जोधपुर में लगभग 500 बसें चल नहीं रहीं। परिवहन विभाग ने परमिट के उल्लंघन पर मनमाने जुर्माने लगाए हैं जिससे बस संचालकों में रोष है।’’
उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग ने ‘स्लीपर’ बसों में आपातकालीन निकासी द्वार न होने जैसे बदलावों पर आपत्ति जताई है ऐसे में ‘हम आदेशों का पालन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए हमें समय चाहिए।’’
उन्होंने कहा,‘‘विभाग ने उन बस बॉडी सेंटरों को भी सील कर दिया है जहां बसों में बदलाव किए जाते हैं। इसलिए अब हमें आवश्यक बदलाव करवाने में समस्या आ रही है। परमिट जारी किए जा चुके हैं और उन्हीं बसों की फिटनेस जारी भी की चुकी है, लेकिन अब विभाग जुर्माना लगा रहा है। विभाग को अपने उन अधिकारियों और निरीक्षकों पर भी कार्रवाई करनी चाहिए जिन्होंने बसों को फिटनेस में पास किया है।”
जयपुर में निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रतिनिधि राजेंद्र शर्मा ने कहा कि हड़ताल अनिश्चितकालीन है। एक अन्य प्रतिनिधि ने कहा कि राज्य में लगभग 8000 निजी ‘स्लीपर’ बसें हैं और उदयपुर एवं भीलवाड़ा को छोड़कर सभी जिलों के निजी बस संघों ने अपना समर्थन दिया है।
इस महीने की शुरुआत में जैसलमेर में एक ‘स्लीपर’ बस में आग लगने से कई लोग जिंदा जल गए थे। बस में आग एसी में शॉर्ट सर्किट होने के कारण लगी थी। बस में कोई आपातकालीन निकासी द्वार नहीं था। घटना के बाद, परिवहन विभाग ने अवैध बस संरचना में बदलाव और परमिट मानदंडों के उल्लंघन के खिलाफ गहन जांच अभियान शुरू किया।
भाषा पृथ्वी