बंगाल में 95 साल के बुजुर्ग ने की खुदकुशी, परिजनों ने इसका कारण एसआईआर संबंधी डर को बताया
नोमान रंजन
- 30 Oct 2025, 09:02 PM
- Updated: 09:02 PM
कोलकाता, 30 अक्टूबर (भाषा) पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर जिले के एक 95 वर्षीय बुजुर्ग ने बीरभूम में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। परिजनों ने इसकी जानकारी दी।
परिजनो ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से कथित तौर पर परेशान होकर बुजुर्ग ने आत्महत्या कर ली।
पश्चिम बंगाल में पिछले 72 घंटों में आत्महत्या का यह दूसरा मामला है। इससे पहले कोलकाता के पास पानीहाटी में ऐसी ही एक घटना हुई थी। कूचबिहार में भी एक किसान ने आत्महत्या करने की कोशिश की थी, फिलहाल वह अस्पताल में भर्ती है।
पुलिस के अनुसार, मृतक की पहचान क्षितिज मजूमदार के रूप में हुई है। मजूमदार का शव बुधवार रात बीरभूम जिले के इल्लमबाजार इलाके में उसकी बेटी के घर में फंदे से लटका मिला।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘बुज़ुर्ग व्यक्ति का शव इल्लमबाजार स्थित उसकी बेटी के घर के एक कमरे में फंदे से लटका मिला। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। उसके परिवार का आरोप है कि मतदाता सूची के सत्यापन प्रक्रिया के कारण नाम कट जाने के डर से वह काफी तनाव में था।’’
परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि मजूमदार यह जानने के बाद चिंतित हो गए थे कि उनका नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं है।
परिवार के एक सदस्य ने कहा,‘‘वह अक्सर कहा करते थे कि चूंकि उनका नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं है, तो क्या उन्हें बांग्लादेश वापस जाना होगा?’’ उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर वह मानसिक रूप से परेशान थे।
पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस घटना के संबंध में निर्वाचन आयोग की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि मजूमदार का परिवार 1995 में बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल आया और पश्चिम मेदिनीपुर जिले में बस गया।
सूत्र ने बताया कि शुरुआती जांच से पता चला है कि मजूमदार का नाम मतदाता सूची में दर्ज था और उन्होंने पिछले कई वर्षों में कई बार अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
उन्होंने कहा, "मजूमदार को उनके पड़ोसियों ने बार-बार कहा था कि जिनका नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं होगा, उन्हें बांग्लादेश लौटना होगा। इन चेतावनियों से कथित तौर पर वह बहुत चिंतित हो गए थे।"
इस बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में प्रस्तावित एसआईआर को लेकर कथित तौर पर उत्पन्न तनाव से जुड़ी मौतों और आत्महत्या के प्रयास की निंदा की।
बनर्जी ने कहा कि ये घटनाएं भाजपा की भय, विभाजन और घृणा की राजनीति के दुखद परिणामों को दर्शाती हैं।
बनर्जी ने ‘एक्स’ पर लिखा, "हम भाजपा की भय, विभाजन और घृणा की राजनीति के दुखद परिणाम देख रहे हैं।”
उन्होंने दावा किया कि निर्वाचन आयोग ने भाजपा के कहने पर इस कवायद की घोषणा की है।
बनर्जी ने लोगों से आग्रह किया कि वे उत्तेजित न हों और न ही कोई ऐसा कदम उठाएं।
उन्होंने कहा, "हम अपने खून की आखिरी बूंद तक लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए और हमारे देश के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने के भाजपा और उनके सहयोगियों के नापाक एजेंडे को हराने के लिए लड़ेंगे।"
भाषा नोमान