उच्च न्यायालय ने महेश मांजरेकर की फिल्म को दी मंजूरी
आशीष अविनाश
- 30 Oct 2025, 05:03 PM
- Updated: 05:03 PM
मुंबई, 30 अक्टूबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने कहा है कि छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम “किसी भी रूप में विशिष्ट अधिकार का विषय नहीं हो सकता”। इस फैसले के साथ ही महेश मांजरेकर की नयी मराठी फिल्म “पुन्हा शिवाजी राजेभोसले” के शुक्रवार को निर्धारित समय पर रिलीज होने का रास्ता साफ हो गया है।
न्यायमूर्ति अमित जामसांडेकर की पीठ द्वारा बृहस्पतिवार को सुनाए गए फैसले में एवरेस्ट एंटरटेनमेंट एलएलपी कंपनी द्वारा दायर कॉपीराइट उल्लंघन के आरोपों को खारिज करते हुए फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया।
आदेश में कहा गया कि दो फिल्मों की पटकथा में कॉपीराइट उल्लंघन के आरोप प्रथम दृष्टया आधारहीन और अस्थिर हैं।
एवरेस्ट की याचिका के अनुसार, कंपनी के पास "मी शिवाजी राजेभोसले बोलतोय" नामक फिल्म का कॉपीराइट अधिकार है जो 2009 में रिलीज हुई थी। इसका निर्माण मांजरेकर की अश्वमी फिल्म्स के साथ किया गया था।
वर्ष 2013 में, एवरेस्ट ने फिल्म के सभी अधिकार हासिल कर लिए। कंपनी ने कहा कि उसे इस साल की शुरुआत में पता चला कि मांजरेकर एक ‘सीक्वल’ जैसी फिल्म पर काम कर रहे हैं।
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि एवरेस्ट “छत्रपति शिवाजीराजे भोसले” या “छत्रपति शिवाजी महाराज” के नाम पर किसी भी विशिष्ट अधिकार का दावा नहीं कर सकती। अदालत ने कहा, "छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम किसी भी रूप में विशिष्ट अधिकार का विषय नहीं हो सकता।"
मांजरेकर की फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार करते हुए अदालत ने कहा कि यह पूरी तरह से नयी फिल्म है, न कि किसी फिल्म की नकल। उच्च न्यायालय ने कहा, "मराठी फिल्मों के जानकार दर्शक, प्रथम दृष्टया, वादी (एवरेस्ट) द्वारा बताए गए किसी भी कारक, जिसमें फिल्म का नाम भी शामिल है, से भ्रमित या धोखा खाने वाले नहीं हैं।"
अदालत ने एवरेस्ट के इस दावे को भी मानने से इनकार कर दिया कि मांजरेकर ने कई संवादों की नकल की है। अदालत ने कहा कि संवाद सामान्य हैं, और हर मराठी भाषी व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सामान्य शब्द और भाव मराठी साहित्य, रंगमंच और फिल्मों के विविध रूपों का हिस्सा हैं।
अदालत ने कहा कि जिन संवादों पर वादी (एवरेस्ट) कॉपीराइट का दावा कर रहा है, वे उसकी मूल रचना नहीं हैं।
उच्च न्यायालय ने कहा कि अदालत कोई अंतरिम राहत देने के लिए इच्छुक नहीं है, विशेषकर तब जब कोई फिल्म कुछ दिनों में रिलीज होने वाली हो, और यह स्पष्ट हो कि वादी ने अदालत से संपर्क करने के लिए शीघ्र कदम नहीं उठाए।
मांजरेकर और फिल्म के निर्माताओं ने कॉपीराइट उल्लंघन के आरोपों को झूठा बताते हुए याचिका का विरोध किया। मांजरेकर ने कहा कि एवरेस्ट 'छत्रपति शिवाजी महाराज' या 'शिवाजी राजेभोसले' नाम पर किसी भी अधिकार का दावा नहीं कर सकती।
भाषा आशीष