ठाकरे बंधु, शरद पवार मतदाता सूची में ‘अनियमितताओं’ के खिलाफ विपक्ष के विरोध मार्च का नेतृत्व करेंगे
शफीक रंजन
- 30 Oct 2025, 07:32 PM
- Updated: 07:32 PM
मुंबई, 30 अक्टूबर (भाषा) शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे, राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे सहित महाविकास आघाडी (एमवीए) के शीर्ष नेता मतदाता सूचियों में कथित अनियमितताओं के खिलाफ मुंबई में एक नवंबर को होने वाले विपक्ष के विरोध मार्च का नेतृत्व करेंगे।
उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे और पवार ने बृहस्पतिवार को यहां एक बैठक की, जिसमें संयुक्त रैली की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया गया। इस बैठक में वरिष्ठ कांग्रेस नेता नसीम खान, शेतकरी कामगार पक्ष के जयंत पाटिल और वामपंथी दलों के नेता भी मौजूद थे।
पूर्वी महाराष्ट्र में गृहनगर बुलढाणा में पत्रकारों से बात करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि उनकी पार्टी विरोध मार्च का पूरी तरह से समर्थन करती है।
हालांकि, खुद मार्च में भाग लेने के सवालों को वह टाल गए।
सपकाल ने कहा, ‘‘कोई एक नेता महत्वपूर्ण नहीं हैं। जो भी जाएगा, वह पार्टी का प्रतिनिधित्व करेगा। महत्वपूर्ण बात मतदाता सूचियों को त्रुटिरहित करने और उन्हें अद्यतन करने की मांग है। यह मुद्दा (मतदाता सूचियों में अनियमितताओं का) सबसे पहले कांग्रेस ने उठाया था।’’
बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, शिवसेना (उबाठा) नेता अनिल परब ने कहा कि विरोध मार्च दक्षिण मुंबई के फैशन स्ट्रीट से बृह्नमुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) मुख्यालय तक निकाला जाएगा। यह दोपहर एक बजे से शाम चार बजे के बीच आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विरोध मार्च के कारण नागरिकों को कोई असुविधा नहीं होगी।
परब ने कहा कि शरद पवार, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे सहित राज्य का पूरा विपक्षी नेतृत्व इस मार्च में भाग लेगा।
उन्होंने कहा कि यह शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित किया जाएगा तथा ‘वोट चोरी’ और मतदाता सूचियों में ‘‘अनियमितताओं’’ जैसे मुद्दों को उजागर किया जाएगा।
महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने कहा है कि स्थानीय निकाय चुनावों को नियंत्रित करने वाले कानूनों या नियमों में ‘वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (वीवीपैट) मशीनों के इस्तेमाल का कोई प्रावधान नहीं है।
इसका हवाला देते हुए, परब ने कहा कि विपक्ष एसईसी के बयान का अध्ययन कर रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग का तर्क मान्य नहीं है क्योंकि 2017 के चुनावों के दौरान नांदेड़ वाघला शहर नगर निगम के एक वार्ड में वीवीपैट का परीक्षण किया गया था।
भाषा शफीक