भारत-ब्रिटेन एफटीए से राजस्थान के निर्यातकों को रत्न और आभूषण निर्यात बढ़ने की उम्मीद
पृथ्वी राजकुमार अजय
- 29 Oct 2025, 07:57 PM
- Updated: 07:57 PM
जयपुर, 29 अक्टूबर (भाषा) राजस्थान के निर्यातकों को उम्मीद है कि भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) लागू होने के बाद ब्रिटेन को रत्न, आभूषण, हस्तशिल्प और वस्त्र निर्यात तेज से बढ़ेगा।
इस समझौते पर इस साल जुलाई में हस्ताक्षर हुए थे और इसके अगले साल लागू होने की संभावना है। इससे ब्रिटेन को होने वाले 99 प्रतिशत निर्यात पर शुल्क शून्य कर दिया जाएगा।
जयपुर स्थित द्वारका ज्वेलर्स के के बी गोयल ने कहा कि ब्रिटेन में आभूषण उत्पादों पर 3-3.5 प्रतिशत शुल्क हटने से भारतीय आभूषण विक्रेताओं को वैश्विक बाजारों में मजबूत बढ़त मिलेगी।
गोयल ने बुधवार को पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘शुल्क हटने से आभूषण विक्रेताओं को विदेशों में आभूषण नमूनों की बिक्री और विपणन में मदद मिलेगी... हम चीन, थाइलैंड और हांगकांग को कड़ी टक्कर देंगे।’’ उन्होंने कहा कि भारत का ब्रिटेन को सोने, चांदी और प्लैटिनम के आभूषणों का अनुमानित निर्यात लगभग 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर है, जिसमें राजस्थान का योगदान लगभग 40 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि अगले 2-3 साल में यह निर्यात 1.5 गुना बढ़ जाएगा।’’
सीटीआईएल के अंतरराष्ट्रीय व्यापार कानून सलाहकार और नीति सलाहकार रिद्धिश राजवंशी ने कहा कि प्रस्तावित एफटीए राजस्थान में कई प्रमुख क्षेत्रों के लिए नए रास्ते खोलेगा।
राजस्थान के संदर्भ में इस एफटीए से रत्न एवं आभूषण, हस्तशिल्प, इंजीनियरिंग सामान, नवीकरणीय ऊर्जा, आईटी सेवाएं और कपड़ा क्षेत्रों को लाभ होगा। अधिकांश क्षेत्रों पर लगभग शून्य शुल्क लगेगा जिससे निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने आगे कहा कि अवसर तो बहुत होंगे, लेकिन ‘‘उद्योग जगत के दिग्गजों को उनका लाभ उठाने के लिए आगे आना होगा।’’
इनसोलेशन एनर्जी लिमिटेड के अध्यक्ष मनीष गुप्ता ने इस व्यापार समझौते को एक ‘गेम चेंजर’ बताया जो भारत के निर्यात परिदृश्य को नया रूप दे सकता है।
उन्होंने कहा कि भारत का लगभग 18-19 प्रतिशत निर्यात वर्तमान में अमेरिका को होता है और ब्रिटेन के बाजार तक बेहतर पहुंच से व्यापार साझेदारी में विविधता आएगी।
उल्लेखनीय है कि गुजरात और राजस्थान में ब्रिटिश उप-उच्चायुक्त स्टीफन हिकलिंग ने इसी महीने एक कार्यक्रम में कहा कि इस मुक्त व्यापार समझौते से द्विपक्षीय व्यापार में सालाना 3.01 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि होने की उम्मीद है और ब्रिटेन को होने वाला 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात शुल्क-मुक्त हो जाएगा।
भाषा पृथ्वी राजकुमार