कुछ राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर की घोषणा पर पवन खेड़ा का निर्वाचन आयोग पर हमला
मनीषा
- 28 Oct 2025, 01:27 PM
- Updated: 01:27 PM
(प्रादे44 चौथे पैरा में सुधार के साथ रिपीट)
पटना, 28 अक्टूबर (भाषा) वरिष्ठ कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा 12 और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दूसरे चरण की घोषणा किए जाने को लेकर मंगलवार को आयोग पर निशाना साधा और पूछा कि बिहार में इस प्रक्रिया के दौरान कांग्रेस द्वारा उठाए गए मुद्दों पर आयोग ने अब तक जवाब क्यों नहीं दिया ?
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया था कि आयोग नवंबर से फरवरी के बीच पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी समेत 12 और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर का दूसरा चरण आयोजित करेगा।
कांग्रेस के मीडिया और प्रचार प्रमुख खेड़ा ने कहा कि निर्वाचन आयोग को इन राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर संचालन के लिए दिशा-निर्देश सार्वजनिक करने चाहिए।
उन्होंने कहा, “बिहार में एसआईआर के दौरान आईं कठिनाइयों का क्या समाधान हुआ? बिहार में एसआईआर से जुड़े मुद्दों पर हम आयोग से जिन जवाबों की प्रतीक्षा कर रहे थे, उनका क्या हुआ? उच्चतम न्यायालय को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा… सच तो यह है कि आयोग ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है।”
पटना पहुंचने पर पीटीआई-वीडियो से बातचीत कर रहे खेड़ा ने यह भी पूछा कि क्या निर्वाचन आयोग इन अन्य राज्यों में एसआईआर प्रक्रिया के दौरान वर्ष 2003 के दिशा-निर्देशों का पालन करेगा।
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के चुनावी घोषणा पत्र पर पूछे गए प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि इसमें “एक नए बिहार के निर्माण की दृष्टि, नीतियां और उपाय शामिल होंगे”, जो पिछले 20 वर्षों से “ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की जनविरोधी नीतियों का शिकार रहा है।”
बिहार कांग्रेस के हालिया सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर उठे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए खेड़ा ने कहा, “राहुल गांधी को ‘जननायक’ की उपाधि जनता ने दी है… यह उनकी भावनाएं हैं… हम इसमें क्या कह सकते हैं।”
‘जननायक’ विशेषण आमतौर पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत कर्पूरी ठाकुर से जुड़ा रहा है, जिन्हें पिछले वर्ष मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
भाषा कैलाश