परिवार की सहमति के बाद हरियाणा के आईपीएस अधिकारी का पीजीआईएमईआर में पोस्टमार्टम जारी
DailyWorld
- 15 Oct 2025, 03:29 PM
- Updated: 03:29 PM
चंडीगढ़, 15 अक्टूबर (भाषा) हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार की पत्नी एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी अमनीत पी कुमार से सहमति मिलने के बाद अधिकारी का पोस्टमार्टम यहां पीजीआईएमईआर में किया जा रहा है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
दिवंगत वरिष्ठ अधिकारी की पत्नी अमनीत कुमार ने एक बयान में कहा कि चंडीगढ़ पुलिस से निष्पक्ष और पारदर्शी जांच का आश्वासन मिलने तथा हरियाणा सरकार द्वारा कानून के अनुसार किसी भी दोषी अधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता जताए जाने के मद्देनजर उन्होंने दिवंगत आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार के पोस्टमार्टम के लिए सहमति दे दी।
दलित अधिकारी का परिवार बुधवार को पीजीआईएमईआर पहुंचा, जिसमें उनकी पत्नी भी शामिल हैं। परिवार ने शव की पहचान की जिसके बाद पीजीआईएमईआर में शव के पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू हुई।
पुलिस ने पहले कहा था कि कार्यकारी मजिस्ट्रेट, बैलिस्टिक विशेषज्ञ (अपराध को सुलझाने के लिए आग्नेयास्त्रों, गोला-बारूद और प्रक्षेप्य साक्ष्य के विश्लेषण में विशेषज्ञता रखने वाले विशेषज्ञ), विष विज्ञान विशेषज्ञ, फोरेंसिक विशेषज्ञ और फिंगरप्रिंट विशेषज्ञ की मौजूदगी में पोस्टमार्टम के लिए चिकित्सकों का एक बोर्ड गठित किया गया है, जिसमें वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की व्यवस्था की गई है।
अपने बयान में अमनीत कुमार ने कहा, ‘‘केंद्र शासित प्रदेश की पुलिस से निष्पक्ष और पारदर्शी जांच का आश्वासन मिलने तथा हरियाणा सरकार द्वारा कानून के अनुसार किसी भी दोषी अधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता जताए जाने के मद्देनजर मैंने दिवंगत आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार के पोस्टमार्टम के लिए सहमति दे दी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘समय पर पोस्टमार्टम के साक्ष्यों के महत्व और न्याय के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए मैं निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार गठित चिकित्सकों के बोर्ड, एक बैलिस्टिक विशेषज्ञ (अपराध को सुलझाने के लिए आग्नेयास्त्रों, गोला-बारूद और प्रक्षेप्य साक्ष्य के विश्लेषण में विशेषज्ञता रखने वाले विशेषज्ञ) की उपस्थिति में, एक मजिस्ट्रेट की निगरानी में और पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए समूची प्रक्रिया की वीडियोग्राफी के साथ पोस्टमार्टम कराने पर सहमत हूं।’’
हरियाणा की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका और पुलिस अधिकारियों पर पूरा भरोसा है और पूरी उम्मीद है कि जांच पेशेवर, निष्पक्ष और समयबद्ध तरीके से की जाएगी, ताकि कानून के अनुसार सच्चाई सामने आए।
उन्होंने जांच दल को अपना पूरा सहयोग देने का वादा किया ताकि प्रक्रिया में तेजी आए और जल्द से जल्द न्याय मिले।
उन्होंने कहा, ‘‘जांच जारी रहने के कारण इस समय कोई और सार्वजनिक बयान जारी नहीं किया जाएगा और मैं मीडिया से अनुरोध करती हूं कि मामले की संवेदनशीलता का सम्मान किया जाए।’’
चंडीगढ़ पुलिस ने मंगलवार को कहा कि उसने पोस्टमार्टम के लिए परिवार को निर्देश दिए जाने का अनुरोध करते हुए स्थानीय अदालत का रुख किया ताकि पोस्टमार्टम के लिए परिवार आगे आकर शव की पहचान करे।
पुलिस की याचिका पर स्थानीय अदालत ने कुमार की पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार को 15 अक्टूबर तक व्यक्तिगत रूप से या वकील के माध्यम से जवाब दाखिल करने का नोटिस जारी किया, अन्यथा आवेदन पर गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।
पुलिस महानिरीक्षक कुमार (52) ने सात अक्टूबर को यहां अपने आवास पर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। कुमार के शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका था क्योंकि उनके परिवार ने हरियाणा के आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होने तक पोस्टमार्टम की सहमति नहीं दी थी।
चंडीगढ़ पुलिस ने मामले में जांच के लिए छह सदस्यीय विशेष जांच टीम का गठन किया है।
विपक्ष के हमलों और कुमार के परिवार द्वारा उन्हें परेशान करने के आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के बीच हरियाणा सरकार ने मंगलवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेज दिया और 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी ओ.पी. सिंह को हरियाणा के डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया।
पिछले हफ्ते सरकार ने रोहतक के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारणिया का तबादला कर दिया था।
इससे एक दिन पहले चंडीगढ़ पुलिस ने अदालत में याचिका दायर कर परिवार को पोस्टमार्टम के लिए शव की पहचान करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।
चंडीगढ़ पुलिस ने एक बयान में कहा था कि न्याय के हित में और महत्वपूर्ण फोरेंसिक साक्ष्यों को संरक्षित करने के लिए इस समय यह अत्यंत आवश्यक है कि पोस्टमार्टम जल्द से जल्द कराया जाए।
कुमार (52) ने कथित तौर पर आठ पन्नों का ‘अंतिम नोट’ छोड़ा था जिसमें हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर और स्थानांतरित किए जा चुके तत्कालीन रोहतक पुलिस अधीक्षक (एसपी) नरेंद्र बिजारणिया सहित आठ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर ‘‘जाति-आधारित भेदभाव, लक्षित मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार’’ का आरोप लगाया गया।
कुमार की पत्नी ने मांग की थी कि कपूर और बिजारणिया का नाम प्राथमिकी में दर्ज किया जाए और उनके पति को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
इस बीच, रोहतक में तैनात आईजी पूरण कुमार की संदिग्ध आत्महत्या के मामले में एक नया मोड़ तब आया जब जिले के एक सहायक उप-निरीक्षक संदीप कुमार ने मंगलवार को कथित तौर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने दिवंगत वरिष्ठ अधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
एएसआई संदीप कुमार की कथित आत्महत्या पूरण कुमार की मौत को लेकर बढ़ते विवाद की पृष्ठभूमि में हुई है, जिसने पुलिस के शीर्ष अधिकारियों को झकझोर कर रख दिया था और राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को पूरण कुमार के परिवार से मुलाकात की और सभी दलितों के सम्मान का आह्वान किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और हरियाणा सरकार से तत्काल कार्रवाई करने और जिम्मेदार अधिकारियों की गिरफ्तारी का अनुरोध किया।
पूरण कुमार की आत्महत्या के बाद कई दलों के नेता संवेदना व्यक्त करने के लिए यहां सेक्टर 24 स्थित उनके आवास पर पहुंचे।
विपक्षी दलों के कई नेता पूरण कुमार की कथित आत्महत्या मामले में कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
कई दलित संगठनों और कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने मामले के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर हरियाणा में विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया है।