छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड प्रमुख ने मुस्लिम युवाओं से नवरात्र के दौरान गरबा में भाग न लेने की अपील की
खारी
- 23 Sep 2025, 09:45 PM
- Updated: 09:45 PM
रायपुर, 23 सितंबर (भाषा) छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने मुस्लिम युवाओं से नौ दिवसीय नवरात्र उत्सव के दौरान गरबा सहित धार्मिक आयोजनों में भाग लेने से परहेज करने और इसके बजाय राज्य में शांति एवं सद्भाव बनाए रखने में मदद करने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा कि हालांकि, अगर कोई मुस्लिम भाई या बहन ऐसे आयोजन में वेशभूषा और परंपरा का सम्मान करते हुए और आयोजन समिति की अनुमति लेकर भाग लेना चाहता है तो कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
डॉ. राज ने एक बयान में कहा, ‘‘नवरात्र हिंदू समाज का एक महत्वपूर्ण एवं पवित्र पर्व है, जिसमें माता जगदंबा की आराधना की जाती है और करोड़ों श्रद्धालु आस्था के साथ गरबा एवं अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं। गरबा कोई साधारण नृत्य कार्यक्रम नहीं है। यह देवी दुर्गा की आराधना के लिए किया जाने वाला भक्तिपूर्ण लोकनृत्य है, जो जीवन के चक्र और देवी की असीम शक्ति का प्रतीक है। यदि मुस्लिम समाज मूर्ति पूजा में आस्था नहीं रखता है, तो उन्हें गरबा जैसे धार्मिक आयोजनों से दूर रहना चाहिए।’’
उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई मुस्लिम भाई-बहन वेशभूषा और परंपरा का सम्मान करते हुए समिति से अनुमति लेकर भाग लेना चाहते हैं, तो इसमें किसी को आपत्ति नहीं होगी लेकिन गलत नीयत से गरबा स्थलों में प्रवेश कर उपद्रव करने का प्रयास हिंदू समाज की भावनाओं को आहत करता है, जिससे सामाजिक सौहार्द को ठेस पहुंच सकती है।
उन्होंने मुस्लिम युवाओं से अपील की कि वे ऐसे पवित्र धार्मिक आयोजनों से दूरी बनाए रखें और प्रदेश की गंगा-जमुनी तहजीब का सम्मान करते हुए छत्तीसगढ़ में शांति, भाईचारे और सद्भाव बनाए रखें।
डॉ. राज ने कहा, ‘‘इस्लाम शांति का प्रतीक है और हमें हर हाल में प्रदेश की अमन-चैन व भाईचारे को प्राथमिकता देनी चाहिए।’’
छत्तीसगढ़ में शारदीय नवरात्र का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है तथा यहां के प्रमुख शहरों में कई स्थानों पर पारंपरिक रूप से गरबा का आयोजन किया जाता है।
भाषा संजीव