चीन और भारत रूसी तेल खरीदकर यूक्रेन में रूसी युद्ध के 'प्राथमिक वित्तपोषक' हैं: ट्रंप
आशीष दिलीप
- 23 Sep 2025, 10:03 PM
- Updated: 10:03 PM
(योषिता सिंह)
संयुक्त राष्ट्र, 23 सितंबर (भाषा) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में अपने संबोधन में कहा कि चीन और भारत रूसी तेल खरीद कर यूक्रेन में रूसी युद्ध के "प्राथमिक वित्तपोषक" हैं।
ट्रंप प्रशासन ने रूसी तेल की खरीद के लिए भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क (टैरिफ) लगाया है, जिससे अमेरिका द्वारा भारत पर लगाया गया कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो गया है, जो दुनिया में सबसे अधिक है।
ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र की आम चर्चा में एक घंटे से अधिक के अपने संबोधन में कहा, "चीन और भारत रूसी तेल खरीद कर इस युद्ध को वित्तपोषित करने वाले मुख्य देश हैं।"
भारत ने अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्क को "अनुचित’’ बताया है। भारत ने कहा है कि किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था की तरह, वह अपने राष्ट्रीय और आर्थिक हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा।
अपने संबोधन में ट्रंप ने कहा कि "यह अक्षम्य है कि नाटो देशों ने भी रूसी ऊर्जा और रूसी ऊर्जा उत्पादों पर ज्यादा रोक नहीं लगाई है" और जब उन्हें यह बात पता चली, तो वे इससे खुश नहीं हुए।
उन्होंने कहा, ‘‘जरा सोचिए, वे अपने ही खिलाफ युद्ध को वित्तपोषित कर रहे हैं। किसने इसके बारे में सुना है? अगर रूस युद्ध ख़त्म करने के लिए कोई समझौता करने को तैयार नहीं होता, तो अमेरिका उस पर बहुत कड़े शुल्क लगाएगा, जिससे मेरा मानना है बहुत जल्द ही खून-खराबा रुक जाएगा।’’
ट्रंप ने कहा कि इन शुल्क को प्रभावी बनाने के लिए यूरोपीय देशों को, "आप सभी जो अभी यहां इकट्ठे हुए हैं, हमारे साथ मिलकर ठीक यही उपाय अपनाने होंगे। यूरोप को इसे और तेज करना होगा। वे जो कर रहे हैं, उन्हें रोकना होगा। वे रूस से तेल और गैस खरीद रहे हैं साथ ही वे रूस से लड़ रहे हैं।"
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘उन्हें रूस से सभी तरह के ऊर्जा उत्पादों की खरीद तुरंत बंद करनी होगी, अन्यथा हम सब बहुत समय बर्बाद कर रहे होंगे। इसलिए मैं इस पर चर्चा के लिए तैयार हूं। हम आज यहां एकत्रित सभी यूरोपीय देशों के साथ इस पर चर्चा करने जा रहे हैं।"
भाषा आशीष