केरल के मुख्यमंत्री ने केएफओएन का बचाव किया, कहा-डिजिटल खाई को पाटने में सफल रही है परियोजना
यासिर पवनेश
- 16 Sep 2025, 04:16 PM
- Updated: 04:16 PM
तिरुवनंतपुरम, 16 सितंबर (भाषा) केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य सरकार के इंटरनेट सेवा प्रदाता ‘केरल फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क’ (केएफओएन) की आलोचनाओं को मंगलवार को दृढ़ता से खारिज कर दिया और कहा कि यह परियोजना राज्य में एक व्यापक इंटरनेट नेटवर्क स्थापित करने के साथ ही डिजिटल खाई को पाटने में सफल रही है।
मुख्यमंत्री ने केएफओएन की सेवा में कमी या मंदगति के दावों को भी खारिज कर दिया।
विजयन के अनुसार, केएफओएन ने बेहद अल्प अवधि में एक लाख कनेक्शन प्रदान कर दिए हैं और अगले वर्ष तक ढाई लाख कनेक्शन देने का लक्ष्य है।
उन्होंने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि कंपनी ने देश में कहीं भी इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध कराने का लाइसेंस हासिल करने की भी उपलब्धि हासिल की है।
विजयन ने कहा, ‘‘आर्थिक रूप से पिछड़े 14,194 परिवारों को केएफओएन कनेक्शन मिल चुके हैं। इसके अलावा इस योजना के तहत द्वीपीय 22 परिवारों और आदिवासी बस्तियों के 499 घरों को इंटरनेट कनेक्शन प्रदान किया गया है।’’
आंकड़ों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय, विधान सभा और विभिन्न कलेक्ट्रेट सहित 23,355 सरकारी प्रतिष्ठान तथा 199 निजी संस्थान केएफओएन सेवा का उपयोग कर रहे हैं।
यहां एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उन सरकारी संस्थानों में केएफओएन को प्राथमिक इंटरनेट कनेक्शन के रूप में इस्तेमाल करने के निर्देश दिए हैं जहां इसकी सेवाएं निर्बाध और तेज हों।
ऐसे सरकारी प्रतिष्ठानों में अन्य इंटरनेट सेवाएं बंद करने का निर्देश जारी किया गया है।
उन्होंने दावा किया, ‘‘केएफओएन गांवों और शहरों दोनों में सफलतापूर्वक इंटरनेट कनेक्शन प्रदान कर रहा है।’’
हालांकि संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) विधायक एन. शमसुद्दीन ने उनके दावों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि 2017 में 1500 करोड़ रुपये खर्च करके शुरू की गई इस पहल में 20 लाख परिवारों को मुफ्त इंटरनेट कनेक्शन देने का वादा किया गया था।
विधायक ने एक समाचार खबर का हवाला देते हुए कहा कि कई सरकारी कार्यालयों ने केएफओएन सेवा की धीमी गति और रुकावटों के कारण सरकार से अन्य सेवा प्रदाताओं के पास जाने का अनुरोध किया है।
आरोपों को खारिज करते हुए विजयन ने कहा कि यह ऐसा क्षेत्र है जहां निजी सेवा प्रदाता बड़ी प्रतिस्पर्धा दिखा रहे हैं और इसलिए सरकारी पहल के खिलाफ इस तरह के अभियान स्वाभाविक हैं।
भाषा यासिर