अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र मामला: मुकदमे की स्थिति जानने के लिए न्यायालय ने एनआईए से जवाब तलब किया
सुरेश अविनाश
- 15 Sep 2025, 07:47 PM
- Updated: 07:47 PM
नयी दिल्ली, 15 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्र के खिलाफ ‘‘युद्ध छेड़ने’’ और म्यांमा स्थित कुछ विद्रोही समूहों के साथ संबंधों के आरोप में मणिपुर से गिरफ्तार एक व्यक्ति के खिलाफ मुकदमे की स्थिति की जानकारी को लेकर सोमवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जवाब तलब किया।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा अप्रैल में आरोपी की जमानत याचिका खारिज किये जाने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
याचिकाकर्ता मोइरंगथेम आनंद सिंह के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को सितंबर 2023 में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में बंद है।
पीठ ने कहा, ‘‘हम आपकी जमानत याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं।’’
वकील ने कहा कि मामले में याचिकाकर्ता को छोड़कर अन्य आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है।
पीठ ने कहा, ‘‘...हो सकता है। आप अपनी भूमिका देखें। (आपके खिलाफ) विशिष्ट आरोप हैं। आप उस वाहन के मालिक हैं, जिसमें छद्म वर्दी पहने और हथियारों से लैस लोग सवार थे।’’
वकील ने दलील दी कि यद्यपि आरोप-पत्र दाखिल कर दिया गया है, लेकिन आज तक आरोप तय नहीं किए गए हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘मुकदमे की स्थिति जानने के लिए नोटिस जारी करें।’’
इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई चार हफ़्ते बाद के लिए टाल दी।
उच्च न्यायालय ने उन्हें देश से बाहर भागने के जोखिम और गवाहों को प्रभावित किए जाने की आशंका के आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया।
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘मणिपुर में मौजूदा अस्थिर स्थिति और विरोध प्रदर्शनों सहित उन परिस्थितियों को देखते हुए जिनके कारण उन्हें पहले जमानत पर रिहा किया गया था, यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि अपीलकर्ता को जमानत पर रिहा करने से न केवल भागने का जोखिम होगा, बल्कि वर्तमान मामले में गवाहों को प्रभावित किए जाने और कानून-व्यवस्था के बिगड़ने की भी आशंका होगी।’’
उच्च न्यायालय ने माना कि एनआईए ने उसके खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला स्थापित किया है, जो कथित अपराधों में उसकी संलिप्तता का संकेत देने वाले ठोस सबूतों पर आधारित है।
सिंह को सितंबर 2023 में मणिपुर से गिरफ्तार किया गया और पूछताछ के लिए राष्ट्रीय राजधानी लाया गया।
वह शस्त्रागार से लूटे गए हथियार रखने के आरोप में मणिपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पांच लोगों में से एक है।
एनआईए ने आरोप लगाया कि सिंह की गिरफ्तारी म्यांमा स्थित आतंकवादी समूहों द्वारा मणिपुर में जातीय अशांति का फायदा उठाकर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की ‘‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’’ के मामले में हुई थी।
उच्च न्यायालय के समक्ष आरोपी ने दलील दी कि अंतरराष्ट्रीय साजिश का आरोप रिकॉर्ड में पेश किए गए किसी भी साक्ष्य से पुष्ट नहीं होता है।
मई 2023 में मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा में 260 से अधिक लोग मारे गए और हजारों लोग विस्थापित हुए।
भाषा सुरेश