मणिपुर के चूड़ाचांदपुर जिले में कुकी नेता के घर को आग लगाई
यासिर नरेश
- 15 Sep 2025, 03:32 PM
- Updated: 03:32 PM
चूड़ाचांदपुर/इंफाल, 15 सितंबर (भाषा) मणिपुर के चूड़ाचांदपुर जिले में एक कुकी नेता के आवास को भीड़ द्वारा कथित तौर पर आग लगा दिए जाने से तनाव फैल गया। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने दावा किया कि ‘कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन’ (केएनओ) के नेता कैल्विन ऐखेनथांग के आवास को रविवार देर रात आग लगा दी गई।
हालांकि चूड़ाचांदपुर के स्थानीय लोगों के एक वर्ग ने शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने का दावा किया।
केएनओ ने केंद्र के साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (एसओओ) समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि ‘कुकी जो काउंसिल’ (केजेडसी) और स्वदेशी जनजातीय नेताओं के फोरम (आईटीएलएफ) के प्रवक्ता गिन्जा वुअलजोंग के आवास को भी उपद्रवियों ने निशाना बनाया लेकिन स्थानीय लोगों के समय पर हस्तक्षेप करने से घर को आग लगाए जाने से बचा लिया गया।
कुकी-जो समुदाय के दो प्रमुख संगठनों ने चार सितंबर को केंद्र के साथ पुनः बातचीत की शर्तों पर एसओओ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जिसके तहत वे मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने, नामित शिविरों को संवेदनशील क्षेत्रों से दूर स्थानांतरित करने और राज्य में स्थायी शांति और स्थिरता लाने के लिए समाधान की दिशा में काम करने पर सहमत हुए।
अधिकारियों ने कहा कि केएनओ और यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) के साथ एसओओ समझौते पर हस्ताक्षर से अशांत राज्य में शांति प्रयासों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
इसके अलावा नागरिक समाज समूह केजेडसी ने यात्रियों और आवश्यक वस्तुओं के लाने- ले जाने के लिए मणिपुर से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-2 को खोलने का निर्णय लिया था।
हालांकि केजेडसी ने सोमवार को स्पष्ट किया कि उसने ‘एनएच-2 को पुनः खोलने की घोषणा नहीं की है’ और ‘इस मार्ग पर किसी भी प्रकार की मुक्त आवाजाही की अनुमति नहीं दी गई है।’
एक बयान में परिषद ने कहा, ‘‘हमारा अनुरोध केवल कांगपोकपी जिले के लोगों से था कि वे गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार एनएच-2 पर यात्रियों की सुरक्षा बनाए रखने में सुरक्षा बलों को सहयोग प्रदान करें।’’
केजेडसी ने दावा किया कि केंद्र के बयान की ‘गलत व्याख्या’ की गई है और इससे ‘अनावश्यक भ्रम’ पैदा हुआ है।
परिषद ने कहा, ‘‘मेइती और कुकी-जो समुदायों के बीच संघर्ष का अब तक कोई समाधान या सहमति नहीं हो पाने के कारण किसी भी पक्ष का कोई भी व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में संबंधित क्षेत्रों में प्रवेश नहीं कर सकता।’’
भाषा यासिर