असम, मणिपुर सहित कई राज्यों में भूकंप के झटके, प्रधानमंत्री ने मदद का आश्वासन दिया
राखी पारुल
- 14 Sep 2025, 10:37 PM
- Updated: 10:37 PM
गुवाहाटी/कोलकाता/इंफाल/ईटानगर, 14 सितंबर (भाषा) पूर्वोत्तर और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में रविवार शाम को 5.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके बाद डेढ़ घंटे के भीतर तीन और झटके महसूस किए गए।
इस दौरान, असम में दो लड़कियां घायल हो गईं और कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि पहला झटका शाम चार बजकर 41 मिनट पर आया, जिसकी तीव्रता 5.8 थी। उन्होंने बताया कि दूसरा झटका शाम चार बजकर 58 मिनट पर 3.1 तीव्रता का, तीसरा पांच बजकर 21 मिनट पर 2.9 तीव्रता का और चौथा छह बजकर 11 मिनट पर 2.7 तीव्रता का दर्ज किया गया।
अधिकारियों के मुताबिक, तीसरे झटके का केंद्र असम के सोनितपुर में और बाकी तीन का उदालगुड़ी जिले में था।
असम राज्य आपदा प्रबंधन (एएसडीएमए) ने कहा कि उदालगुड़ी में भूकंप के कारण एक छात्रावास की छत ढहने से दो लड़कियां घायल हो गईं और राज्य के विभिन्न हिस्सों में कई घर क्षतिग्रस्त हो गए।
एएसडीएमए ने बताया कि अमगुड़ी इलाके में एक मकान की छत ढह गई, जबकि सोनितपुर में दो मकान और एक दुकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। उसने बताया कि विश्वनाथ जिले में कुछ घरों में दीवारों पर दरारें आईं। वहीं, दरांग, नलबाड़ी और होजई जिलों से भी मकानों में दरारें आने की खबर है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूर्वोत्तर क्षेत्र के दो दिवसीय दौरे पर थे। वह शाम को असम से कोलकाता पहुंचे। उन्होंने असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा से बात की और भूकंप के विषय में जानकारी ली।
प्रधानमंत्री ने केंद्र से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
शर्मा ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और आपदा प्रबंधन टीमें मौके पर नुकसान का आकलन कर रही हैं।
राज्य सरकार ने प्रभावित लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।
मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में लोग घबराकर घरों और दुकानों से बाहर निकल आए।
राज्य आपदा प्रबंधन सचिव दानी सुलु ने कहा, ‘‘जान-माल का नुकसान होने की कोई सूचना नहीं है। हालात पर नजर रखी जा रही है और घबराने की कोई जरूरत नहीं है।’’
भूकंपीय दृष्टि से संवेदनशील पूर्वोत्तर क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। असम से लगे उत्तर बंगाल के हिस्सों में भी झटके महसूस किए गए।
सिलीगुड़ी निवासी बिकाश दे ने कहा, ‘‘कुछ सेकंड के लिए जमीन हिलती हुई महसूस हुई। मैं एहतियातन घर से बाहर निकल आया।’’
कुछ लोगों ने शंख भी बजाया। ऐसा माना जाता है कि यह प्रथा भूकंप के प्रभाव को कम करने के लिए अपनाई जाती है।
एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में कहीं भी जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।
भाषा राखी