संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने की गलत धारणाएं कैसे बन गईं: कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल
राजकुमार
- 13 Sep 2025, 08:01 PM
- Updated: 08:01 PM
(फाइल फोटो के साथ)
इंदौर (मप्र), 13 सितंबर (भाषा) केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शनिवार को कहा कि संविधान बदलने और आरक्षण व्यवस्था खत्म किए जाने की निराधार आशंकाओं को लेकर जनमानस में बनाई गईं गलत धारणाओं का कारण जानने के लिए अध्ययन की जरूरत है।
उन्होंने 2024 के पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ विपक्षी दलों के प्रचार की ओर स्पष्ट इशारा करते हुए यह बात कही।
मेघवाल ने यहां विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के विधि प्रकोष्ठ की अखिल भारतीय बैठक में किसी भी राजनीतिक दल का नाम लिए बगैर श्रोताओं से पूछा कि जनमानस में ये गलत धारणाएं क्यों बनीं कि संविधान बदल दिया जाएगा और आरक्षण व्यवस्था समाप्त कर दी जाएगी?
उन्होंने कहा कि इन गलत धारणाओं के बनने का कारण जानने के लिए अध्ययन करना ही पड़ेगा और अगर इस सिलसिले में कोई कमियां हैं, तो उन्हें दूर करना पड़ेगा।
मेघवाल ने कहा,‘‘मुझे लगता है कि हमें सामाजिक समरसता को बढ़ाने की जरूरत है। वरना हमारे बीच ऐसी गलत धारणाएं क्यों बन जाती हैं? ये गलत धारणाएं नहीं बननी चाहिए और इनसे हमें नुकसान भी हुआ।’’
भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान ‘अबकी बार, 400 पार' का नारा दिया था। विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस ने इस नारे को लेकर हमला बोलते हुए कहा था कि भाजपा इसलिए 400 सीट जीतना चाहती है ताकि वह संविधान बदल सके और आरक्षण व्यवस्था खत्म कर सके। भाजपा ने इस आरोप को खारिज किया था।
कानून मंत्री ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को 543 में से 240 सीट ही मिलीं, लेकिन नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली 'मजबूत सरकार' विहिप के सुझावों के आधार पर वक्फ कानून में बदलाव के लिए अधिनियम लेकर आई।
मेघवाल ने विहिप कार्यकर्ताओं से कहा,‘‘हमने आपकी भावनाओं का पहले भी आदर किया है और निश्चित रूप से भविष्य में भी आदर करते रहेंगे।’’
उन्होंने विहिप के विधि प्रकोष्ठ से यह अपील भी की कि वह ‘वैवाहिक बलात्कार’ को कानूनी मान्यता दिए जाने की मांग को लेकर जारी बहस के बारे में 'जागरूक' रहकर अपनी दो दिवसीय बैठक में चर्चा करे और इसके आधार पर सरकार को समाज के हित में सुझाव दे क्योंकि सरकार को इस विषय में अदालत में लम्बित मुकदमों में अपनी दलीलें पेश करनी हैं।
विहिप की बैठक में हिस्सा लेने के बाद मेघवाल, इंदौर से करीब 25 किलोमीटर दूर महू पहुंचे और वहां डॉ. बीआर आम्बेडकर की जन्मस्थली पर बने स्मारक में संविधान निर्माता को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।
भाषा हर्ष