‘वोट बैंक’ की राजनीति के कारण पूर्वोत्तर को भारी नुकसान उठाना पड़ा: प्रधानमंत्री मोदी
जोहेब सुभाष
- 13 Sep 2025, 03:18 PM
- Updated: 03:18 PM
(फोटो के साथ)
आइजोल, 13 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि पूर्वोत्तर को ‘वोट बैंक’ की राजनीति के कारण पहले भारी नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार के प्रयासों से क्षेत्र अब देश के विकास का इंजन बन गया है।
साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद दूसरी बार मिजोरम आए मोदी ने 9,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की शुरुआत करते हुए आइजोल के पास लेंगपुई हवाई अड्डे से एक जनसभा को डिजिटल माध्यम से संबोधित किया, क्योंकि भारी बारिश के कारण वह शहर के बीचोंबीच स्थित कार्यक्रम स्थल लामुआल मैदान तक नहीं पहुंच सके।
मोदी ने आइजोल और दिल्ली के बीच पहली राजधानी एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई तथा रेल, राजमार्ग, ऊर्जा और खेल अवसंरचना को बढ़ाने वाली विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कुछ राजनीतिक दलों की वोट बैंक की राजनीति के कारण पूर्वोत्तर को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। हमारा नजरिया बिल्कुल अलग है। जो पहले उपेक्षित थे, वे अब सबसे आगे हैं। जो पहले हाशिए पर थे, वे अब मुख्यधारा में हैं। यह क्षेत्र भारत के विकास का इंजन बन रहा है। केंद्र सरकार पिछले 11 वर्षों से इस क्षेत्र के विकास के लिए काम कर रही है।’’
उन्होंने कहा कि मिजोरम केंद्र सरकार की 'एक्ट ईस्ट' नीति में एक प्रमुख भूमिका निभाता है और कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट परियोजना और रेल लाइन राज्य को दक्षिण पूर्व एशिया से जोड़ेंगी।
प्रधानमंत्री ने 8,070 करोड़ रुपये की बैराबी-सैरंग लाइन की शुरुआत करते हुए कहा कि इससे मिजोरम देश के रेल नेटवर्क पर स्थापित हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह राज्य के लिए एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि 51.38 किलोमीटर लंबी यह रेल लाइन राज्य की राजधानी आइजोल को प्रमुख महानगरों से जोड़ेगी।
उन्होंने कहा कि विभिन्न चुनौतियों और दुर्गम इलाकों को पार करते हुए क्रियान्वित की गई यह परियोजना राज्य के लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव लाएगी।
प्रधानमंत्री ने आइजोल को दिल्ली, गुवाहाटी और कोलकाता से जोड़ने वाली तीन नयी एक्सप्रेस ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई।
उन्होंने कहा, "कनेक्टिविटी बढ़ने से पूरे पूर्वोत्तर में शैक्षिक, सांस्कृतिक व आर्थिक संबंध मजबूत होंगे, रोजगार के अवसर सृजित होंगे और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।”
मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन हो या राष्ट्र निर्माण, मिजोरम के लोगों ने देश के लिए बड़ा योगदान दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र ने पूर्वोत्तर में चौतरफा कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने की दिशा में काम किया है - चाहे वह इंटरनेट हो, बिजली हो, बुनियादी ढांचा हो या हवाई मार्ग हो। अब, हम ग्रामीण कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए यहां हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू करेंगे।"
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेल नीति मिजोरम के खिलाड़ियों के लिए अवसरों के द्वार खोलेगी, जिसने कई खिलाड़ी दिए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत खेलों के लिए एक महत्वपूर्ण वैश्विक केंद्र बन रहा है और मिजोरम में खेलों की अद्भुत परंपरा है।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर उद्यमशीलता का एक प्रमुख केंद्र बन रहा है, जहां 4,500 स्टार्टअप और 25 ‘इनक्यूबेटर’ संचालित हो रहे हैं।
मोदी ने कहा कि सरकार का ध्यान शिक्षा के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने पर भी है और मिज़ोरम में मौजूदा 11 के अलावा छह और एकलव्य स्कूलों के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाने का काम शुरू हो गया है।
उन्होंने कहा, "मैं निवेशकों से 'राइजिंग नॉर्थ ईस्ट' शिखर सम्मेलन में इस क्षेत्र की क्षमता का दोहन करने का आग्रह करता हूं... 'लोकल फॉर वोकल' पहल के तहत, मिजोरम के बांस, जैविक अदरक, हल्दी और केले के विपणन को बढ़ावा देने के प्रयास जारी हैं।"
नयी जीएसटी (माल एवं सेवा कर) दरों के बारे में उन्होंने कहा कि इन सुधारों से कई उत्पादों पर कर कम हुए हैं, जिससे आम लोगों का जीवन आसान हो जाएगा।
मोदी ने कहा कि इन सुधारों से कैंसर जैसी बीमारियों की दवाइयां सस्ती होंगी और वाहनों की कीमतों में भी कमी देखी जा रही है।
मोदी ने कहा, "2014 से पहले, टूथपेस्ट, साबुन और तेल जैसी जरूरी चीज़ों पर 27 प्रतिशत जीएसटी लगता था। आज केवल 5 प्रतिशत है। 22 सितंबर के बाद सीमेंट और निर्माण सामग्री भी सस्ती हो जाएगी।"
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में दवाओं और बीमा पॉलिसियों पर भारी कर लगता था और स्वास्थ्य सेवा महंगी थी, लेकिन आज ये सस्ती हो गई हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जो प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ है।
ऑपरेशन सिंदूर पर उन्होंने कहा कि देश के सैनिकों ने "आतंकवाद को प्रायोजित करने वालों को सबक सिखाया" और इसमें 'मेड इन इंडिया' पहल के तहत बने हथियारों की अहम भूमिका रही।
राज्यपाल वी. के. सिंह, मुख्यमंत्री लालदुहोमा और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव लामुअल मैदान में मौजूद थे।
मोदी ने आइजोल बाईपास रोड, थेनज़ोल-सियालसुक रोड और खानकां-रोंगुरा रोड समेत कई सड़क परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी।
लगभग 500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले 45 किलोमीटर लंबी आइजोल बाईपास रोड का उद्देश्य आइजोल में भीड़भाड़ कम करना, लुंगलेई, सियाहा, लॉन्गतलाई, लेंगपुई हवाई अड्डे और सैरंग रेलवे स्टेशन आदि से संपर्क बेहतर बनाना है। इससे दक्षिणी जिलों से आइजोल तक यात्रा का समय लगभग डेढ़ घंटे कम हो जाएगा।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि थेनजोल-सियालसुक रोड, आइजोल-थेनजोल-लुंगलेई राजमार्ग के साथ संपर्क को मजबूत करेगा। खानकां-रोंगुरा रोड बागवानी किसानों को बाजारों तक बेहतर पहुंच प्रदान करेगा।
प्रधानमंत्री ने छिमटुईपुई नदी पुल की आधारशिला भी रखी, जो कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट ढांचे के तहत सीमा पार व्यापार को बढ़ावा देगा।
उन्होंने आइजोल के मुआलखांग में 30 टीएमटीपीए (प्रति वर्ष एक हज़ार मीट्रिक टन) क्षमता वाले एलपीजी बॉटलिंग प्लांट की भी आधारशिला रखी।
उन्होंने ममित जिले के कावर्था में एक आवासीय विद्यालय का उद्घाटन किया, जिससे 10,000 से ज़्यादा बच्चे लाभान्वित होंगे।
मोदी ने पिछली बार दिसंबर 2017 में मिज़ोरम का दौरा किया था। उस दौरान उन्होंने कोलासिब जिले के सैपुम गांव के पास 60 मेगावाट की तुइरियल जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन किया था।
भाषा
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