राहुल गांधी को पुष्टि करनी चाहिए कि पहले की याचिकाएं उनके निर्देश पर दायर की गई थीं: सत्यकी सावरकर
सुरेश जोहेब
- 10 Sep 2025, 10:53 PM
- Updated: 10:53 PM
पुणे, 10 सितंबर (भाषा) विनायक दामोदर सावरकर के पोते सत्यकी सावरकर ने यहां की एक अदालत से कांग्रेस नेता राहुल को तलब करने और यह पता लगाने का आग्रह किया है कि क्या उनकी पिछली याचिकाएं उनके ही निर्देश पर दायर की गयी थीं।
सत्यकी ने राहुल गांधी के वकील द्वारा वापस ली गई उस याचिका का हवाला दिया है जिसमें उनकी जान को खतरा बताया गया था।
सत्यकी ने दिवंगत स्वतंत्रता सेनानी और हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर के बारे में कांग्रेस नेता के बयानों को लेकर उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है।
सत्यकी के वकील संग्राम कोल्हटकर ने सांसदों/विधायकों की विशेष अदालत में एक अर्जी दायर कर यह सख्त चेतावनी जारी करने का अनुरोध किया है कि आरोपी (गांधी के) के निर्देश के बिना कोई भी आवेदन दायर नहीं किया जाना चाहिए।
गांधी का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील मिलिंद पवार ने 13 अगस्त को एक 'पर्सिस' (मामले से संबंधित जानकारी प्रदान करने वाला बयान) दायर किया।
इसमें कहा गया था कि वी.डी. सावरकर के अनुयायियों से राहुल गांधी को ख़तरा होने की आशंका थी, लेकिन कुछ ही घंटों बाद, याचिका वापस ले ली गई और पवार ने कहा कि उन्होंने गांधी या उनकी कानूनी टीम की जानकारी के बिना यह याचिका दायर की थी।
सत्यकी की याचिका में कहा गया है, ‘‘हालांकि उक्त याचिका तुरंत वापस ले ली गई... लेकिन इस मामले पर विचार करने की आवश्यकता है, क्योंकि शुरुआत से ही, अभियुक्त के वकील ने सावरकर की छवि को नुकसान पहुंचाने के इरादे से कई तुच्छ, दुर्भावनापूर्ण और अर्थहीन अर्जियां व याचिकाएं दायर कीं।’’
उन्होंने कहा कि अदालत को गांधी को तलब करना चाहिए और उन्हें एक हलफनामा दायर करने का निर्देश देना चाहिए, जिसमें पुष्टि की गई हो कि मामले में पिछली याचिकाएं और ‘पर्सिस’ उनके निर्देशों के अनुसार दायर की गयी थीं।
याचिका में कहा गया है, ‘‘कृपया अभियुक्त को प्रत्येक आवेदन, याचिका और कार्यवाही को सत्यापित या प्रतिहस्ताक्षरित करने का निर्देश दें।’’
इस बीच, वकील पवार ने कहा कि उन्होंने सत्यकी की उस अर्जी का जवाब दाखिल कर दिया है, जिसमें उन्होंने अदालत से शहर के विश्रामबाग पुलिस स्टेशन से लंदन में गांधी के कथित भाषण के बारे में एक तकनीकी रिपोर्ट मंगवाने का अनुरोध किया था, जो यूट्यूब पर उपलब्ध है। यह मामला इसी भाषण में दिए गए बयानों से जुड़ा है।
गांधी के वकील द्वारा दाखिल जवाब में कहा गया है कि अदालत को इस स्थिति में ऐसी पुलिस रिपोर्ट मांगने का कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि चूंकि यह एक आपराधिक मामला है, न कि दीवानी मुकदमा, इसलिए अदालत को यूट्यूब वीडियो (जैसा कि सत्यकी सावरकर ने मांग की थी) को हटाने पर रोक लगाने का कोई अधिकार नहीं है।
अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी।
सत्यकी सावरकर की मानहानि की शिकायत में आरोप लगाया गया है कि मार्च 2023 में लंदन में दिए गए एक भाषण में, राहुल गांधी ने दावा किया था कि वी. डी. सावरकर ने एक किताब में लिखा था कि उन्होंने और उनके पांच-छह दोस्तों ने एक बार एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की थी और उन्हें (सावरकर को) खुशी हुई थी।
शिकायत में दावा किया गया है कि ऐसी कोई घटना कभी नहीं हुई और वी डी सावरकर ने कभी भी कहीं ऐसी कोई बात नहीं लिखी।
भाषा सुरेश