नेपाल सीमा पर उप्र पुलिस हाई अलर्ट पर, फंसे भारतीयों की मदद को प्राथमिकता: डीजीपी
सलीम सुरभि
- 10 Sep 2025, 10:46 PM
- Updated: 10:46 PM
लखनऊ, 10 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण ने बुधवार को कहा कि पिछले तीन दिनों में नेपाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार के संकेत मिले हैं, हालांकि सीमा पर कड़ी सतर्कता बरती जा रही है।
डीजीपी ने कहा कि पुलिस नेपाली एजेंसियों के संपर्क में है लेकिन प्राथमिकता भारतीय नागरिकों की सहायता करना और किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकना है।
कृष्ण ने राज्य पुलिस मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि मंगलवार से नेपाल से सटे उत्तर प्रदेश के सभी सात जिलों में सतर्कता, चौकसी और अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित की गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘सभी सीमा चौकियों, आसपास के पुलिस थानों और सीमा से आवागमन के तमाम बिंदुओं पर सुरक्षा को मजबूत किया गया है। अधिकारी सभी गतिविधियों पर लगातार नजर रख रहे हैं।’’
डीजीपी ने कहा कि नेपाल में फंसे और वापस लौटने के इच्छुक भारतीय नागरिकों की सहायता के लिए चार हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। इन नंबरों पर कोई शिकायत मिलने पर उसे तुरंत सीमा अधिकारियों को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने के लिए भेज दिया जाता है।
कृष्ण ने कहा कि राज्य पुलिस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पूर्ण सतर्कता बरतने के निर्देशों के अनुसार कार्य कर रही है।
उन्होंने खुली सीमाओं के मुद्दे पर कहा कि सभी पारंपरिक, गैर-पारंपरिक और अनौपचारिक मार्गों पर निगरानी कड़ी कर दी गई है।
डीजीपी ने कहा, ‘‘मैंने कल सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक से भी बात की और केंद्रीय गृह मंत्रालय में एक बैठक हुई जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों ने निर्देश जारी किये।’’
उन्होंने बताया कि नेपाल से सटे प्रदेश के हर सीमावर्ती जिले में प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) की दो अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं। साथ ही अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और सभी सड़कों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
नेपाल की एजेंसियों के साथ समन्वय के बारे में पूछे जाने पर कृष्णा ने कहा कि वे संपर्क में हैं लेकिन प्राथमिकता भारतीय नागरिकों की सहायता करना और किसी भी गड़बड़ी को रोकना है। इस सम्बन्ध में जरूरी निर्देश जारी कर दिये गये हैं।
उन्होंने कहा कि आगे की कार्रवाई इस बात पर निर्भर करेगी कि आने वाले दिनों में नेपाल में स्थिति कैसी रहती है।
नेपाल सेना ने बुधवार को विरोध प्रदर्शन की आड़ में संभावित हिंसा को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी प्रतिबंधात्मक आदेश और कर्फ्यू लगा दिया। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब एक दिन पहले ही सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा था।
भाषा सलीम