राहुल गांधी का काफिला रोकने के लिये सड़क पर उतरे भाजपा के मंत्री, पुलिस पर मारपीट करने का आरोप
सं अभिनव जफर सलीम नोमान संतोष
- 10 Sep 2025, 09:55 PM
- Updated: 09:55 PM
रायबरेली (उप्र), 10 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह और उनके समर्थक कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के रायबरेली दौरे के दौरान उनका काफिला रोकने के लिये सड़क पर धरने पर बैठ गये।
सिंह और उनके समर्थकों ने यह कदम बिहार में ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी मां को अपशब्द कहे जाने के विरोध में उठाया।
हालांकि, प्रशासन ने राहुल के काफिला को गुजरने के लिए दूसरा रास्ता उपलब्ध करा दिया। लेकिन घटना के एक कथित वीडियो में देखा गया कि इसके बावजूद भाजपा के कुछ कार्यकर्ता झंडे लेकर उनके काफिले के सामने पहुंच गये जिन्हें पुलिस ने वहां से हटाया।
बाद में, मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रान्तीय अध्यक्ष चौधरी भूपेन्द्र सिंह को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि पुलिस ने गांधी के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट की।
बुधवार को अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी के हरचंदपुर जा रहे काफिले को रोकने के लिए सिंह कठवारा में राजमार्ग पर धरने पर बैठ गए।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ नारे लगा रहे पार्टी कार्यकर्ता हाथों में ‘राहुल गांधी वापस जाओ’ और ‘देश की सभी माताओं से माफी मांगो’ लिखी तख्तियां लिये हुए थे।
हालांकि, प्रशासन ने राहुल के काफिले के ज्यादातर वाहनों को दूसरे रास्ते से निकाल दिया। मगर इस घटना से जुड़े एक कथित वीडियो में देखा गया कि हाथों में भाजपा के झंडे लिये कुछ कार्यकर्ता गांधी के काफिले के पास पहुंच गये। इस दौरान पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोका।
प्रदेश के उद्यान एवं कृषि विपणन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश सिंह ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि पुलिस ने राहुल गांधी के काफिले के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट की।
सिंह ने पत्र में कहा कि वह सुबह 10 बजे महावीर महाविद्यालय में एक बैठक कर रहे थे तभी राहुल गांधी का काफिला रायबरेली-लखनऊ राजमार्ग से गुजरा।
प्रधानमंत्री और उनकी मां को कथित तौर पर अपशब्द कहे जाने से आक्रोशित भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी के झंडे और एक बैनर के साथ विरोध प्रदर्शन किया।
पुलिस अधिकारियों द्वारा कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट की खबर मिलने पर वह और पार्टी के अन्य सदस्य पुलिस की कार्रवाई का विरोध करने के लिए बैठक छोड़कर बाहर आ गए।
मंत्री ने पत्र में राहुल गांधी के दौरे के लिए किए गए व्यापक प्रबंधों पर तंज करते हुए कहा कि कांग्रेस सांसद के लिए 70 किलोमीटर का रूट डायवर्जन लागू किया गया है, ऐसा माहौल बनाया गया मानो कोई विदेशी राष्ट्राध्यक्ष दौरा कर रहा हो।
सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राहुल गांधी की भी एक मां हैं। वह किसी को किसी और की मां को गाली देने का अधिकार नहीं दे सकते। राहुल गांधी को उन लोगों की निंदा करनी चाहिए जिन्होंने एक मां के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्हें कहना चाहिए था कि वह उनका समर्थन नहीं करते, उन्हें दंडित करेंगे, पार्टी से निकालेंगे और उनकी गलती पर खेद व्यक्त करेंगे।’’
सिंह ने कहा, ‘‘मुझे बताया गया कि राहुल गांधी ने रायबरेली में भाजपा कार्यकर्ताओं का सामना करने से परहेज किया और डर के मारे दूसरे रास्ते से चले गए। कार्यकर्ताओं की मांग है कि राहुल गांधी देश की माताओं से माफी मांगें।’’
पिछले हफ्ते दरभंगा के बाहरी इलाके में एक स्थानीय कांग्रेस नेता द्वारा बनाए गए एक छोटे से मंच पर एक व्यक्ति द्वारा माइक्रोफोन पर गाली देने का एक कथित वीडियो वायरल हुआ था, जबकि आयोजक ने दावा किया था कि घटना के समय पार्टी का कोई भी महत्वपूर्ण पदाधिकारी मौजूद नहीं था।
हालांकि, दरभंगा निवासी 25 वर्षीय आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन भाजपा इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर इल्जाम लगाते हुए हमलावर है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछली दो सितंबर को इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि उन्हें इस घटना से ‘गहरा दुख’ हुआ है।
उन्होंने कहा कि वह खुद तो कांग्रेस और इंडिया गठबंधन में उसके सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल को माफ कर सकते हैं, लेकिन बिहार की जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी।
भाषा सं अभिनव जफर सलीम नोमान