प्रधानमंत्री मोदी ने बाढ़ प्रभावित पंजाब के लिए 1,600 करोड़ रु की वित्तीय सहायता का एलान किया
आशीष माधव
- 09 Sep 2025, 09:27 PM
- Updated: 09:27 PM
(फोटो सहित)
चंडीगढ़, नौ सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाढ़ प्रभावित पंजाब के लिए 1,600 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की मंगलवार को घोषणा की।
मोदी ने पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया जो 1988 के बाद से सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है।
प्रधानमंत्री ने राज्य के लिए इस सहायता की घोषणा की जो राज्य के खजाने में पहले से मौजूद 12,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त है।
प्रधानमंत्री ने बाढ़ और प्राकृतिक आपदा के शिकार हुए लोगों के निकटतम परिजनों को दो लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की।
इससे पहले उन्होंने बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया और पंजाब में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया।
मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, "पंजाब में बाढ़ का हवाई जायजा लिया। अधिकारी प्रभावित लोगों की सहायता के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। इस चुनौतीपूर्ण समय में हमारी संवेदनाएं लोगों के साथ हैं।"
प्रधानमंत्री ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि केंद्र सरकार किसानों सहित सभी को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिनका कल्याण सर्वोपरि है।
पंजाब और उसके पड़ोसी हिमाचल प्रदेश में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिए एक दिवसीय दौरे पर आए मोदी हवाई सर्वेक्षण करने के बाद राज्य के सबसे बुरी तरह प्रभावित जिलों में से एक गुरदासपुर पहुंचे।
इससे पहले उन्होंने हिमाचल प्रदेश का दौरा किया और राज्य में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति का जायजा लिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरदासपुर में अधिकारियों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ एक आधिकारिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए राहत एवं पुनर्वास उपायों की समीक्षा की तथा पंजाब में हुए नुकसान का आकलन किया।
बैठक में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां, केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू, पंजाब के राजस्व मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां भी मौजूद थे।
बैठक में पंजाब के मुख्य सचिव केएपी सिन्हा ने राज्य में बाढ़ से हुए व्यापक नुकसान का ब्यौरा साझा किया।
मुख्यमंत्री भगवंत मान अस्वस्थ होने के कारण बैठक में शामिल नहीं हुए। पिछले सप्ताह थकान और हृदय गति कम होने की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
पंजाब में विनाशकारी बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या 52 हो गई है जबकि 1.91 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने पंजाब के लिए 1,600 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की, जो राज्य के पास पहले से मौजूद 12,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त है।
प्रधानमंत्री के दौरे से पहले आम आदमी पार्टी (आप) नीत सरकार ने मोदी से राज्य के लिए कम से कम 20,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा करने की मांग की थी।
राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष और पीएम किसान सम्मान निधि की दूसरी किस्त अग्रिम रूप से जारी की जाएगी।
सोमवार को जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने कहा कि पंजाब के आपदा प्रबंधन कोष में 12,000 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि है और उन्होंने केंद्र से इस धनराशि के उपयोग के लिए नियमों में ढील देने का आग्रह किया।
मोदी ने यह भी घोषणा की कि हाल में आई बाढ़ के कारण अनाथ हुए बच्चों को ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ योजना के तहत व्यापक सहायता प्रदान की जाएगी।
प्रधानमंत्री ने पूरे क्षेत्र और उसके लोगों की मदद के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घरों का पुनर्निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्गों की मरम्मत, स्कूलों का पुनर्निर्माण, पीएमएनआरएफ (प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष) के माध्यम से राहत प्रदान करना और पशुधन के लिए ‘मिनी किट’ वितरित करना जैसे उपाय शामिल होंगे।
कृषिकों के लिए विशेष रूप से उन किसानों को अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाएगी जिनके पास वर्तमान में बिजली कनेक्शन नहीं हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार इस कठिन समय में राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करेगी और हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।
उन्होंने पंजाब के उन परिवारों से भी मुलाकात की जो आपदाओं और बाढ़ से प्रभावित हुए तथा उन सभी लोगों के साथ अपनी पूरी एकजुटता व्यक्त की जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन नियमों के तहत राज्यों को अग्रिम भुगतान सहित सभी प्रकार की सहायता प्रदान की जा रही है। केंद्र सरकार राज्य के ज्ञापन और केंद्रीय टीमों की रिपोर्ट के आधार पर मूल्यांकन की आगे समीक्षा करेगी।
केंद्र सरकार ने नुकसान का आकलन करने के लिए पंजाब में अंतर-मंत्रालयी टीम भी भेजी हैं और उनकी विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर आगे की सहायता पर विचार किया जाएगा।
बाढ़ प्रभावित किसानों के साथ बैठक के दौरान, भाजपा की पंजाब इकाई के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने प्रधानमंत्री को फसलों को हुए व्यापक नुकसान से अवगत कराया। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से आए किसानों के एक समूह ने भी बाढ़ से उत्पन्न अपनी समस्याओं को बताया और मोदी ने धैर्यपूर्वक उनकी बात सुनी।
मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, "पंजाब में भीषण बाढ़ से प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। हम बाढ़ से प्रभावित हर व्यक्ति को राहत पहुंचाने और हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तत्परता से काम कर रहे हैं। हम किसानों सहित सभी को हर संभव मदद देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिनकी भलाई हमारे लिए सर्वोपरि है।"
बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुए सरकारी स्कूलों को समग्र शिक्षा अभियान के तहत वित्तीय सहायता दी जाएगी और राज्य सरकार को दिशानिर्देशों के अनुसार सभी अपेक्षित सहायक जानकारी उपलब्ध करानी होगी।
पंजाब में 'जल संचय जन भागीदारी' कार्यक्रम के तहत जल संचयन के लिए पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण बड़े पैमाने पर किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने तत्काल राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, राज्य प्रशासन और अन्य संगठनों के कर्मियों के प्रयासों की सराहना की।
पंजाब इस समय दशकों में सबसे भीषण बाढ़ आपदाओं में से एक का सामना कर रहा है। सतलुज, व्यास और रावी नदियों में उफान के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण राज्य में बाढ़ आ गई।
इसके अलावा, पंजाब में हाल के दिनों में हुई भारी बारिश से भी बाढ़ की स्थिति और बिगड़ गई।
राज्य सरकार ने राज्य में आई बाढ़ के कारण 13,000 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान लगाया है। बाढ़ के कारण कुल 2,097 गांव प्रभावित हुए हैं, जिनमें सबसे अधिक 329 गांव गुरदासपुर जिले में हैं।
सबसे ज्यादा प्रभावित जिले गुरदासपुर, अमृतसर, फाजिल्का, फिरोजपुर, कपूरथला, होशियारपुर, तरनतारन और पठानकोट हैं।
राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार, 15 जिलों में 3.88 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
भाषा आशीष