नेपाल की स्थिति पर नजर बनाए हुए है रूस, रूसी नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह
जोहेब नरेश
- 09 Sep 2025, 08:23 PM
- Updated: 08:23 PM
(विनय शुक्ला)
मॉस्को, नौ सितंबर (भाषा) रूस ने मंगलवार को कहा कि वह नेपाल की स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए है और उसने अपने रूसी नागरिकों को सरकार विरोधी प्रदर्शनों के मद्देनजर सावधान रहने की सलाह दी है।
नेपाल में सोशल मीडिया साइटों पर सरकारी प्रतिबंध के खिलाफ सोमवार को काठमांडू और कुछ अन्य स्थानों पर युवाओं के हिंसक विरोध प्रदर्शनों में कम से कम 19 लोगों की मौत हुई है और 300 से अधिक अन्य घायल हुए हैं।
नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। प्रदर्शनकारियों ने बड़े नेताओं के निजी आवासों, राजनीतिक दलों के मुख्यालयों पर हमला किया और यहां तक कि संसद में भी तोड़फोड़ की।
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ की खबर के अनुसार काठमांडू में स्थित रूसी दूतावास ने कहा है कि वह स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है और रूसी नागरिक सुरक्षित हैं।
दूतावास ने कहा कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है। हालांकि, दूतावास ने यह भी कहा कि उसकी राजनयिक कर्मचारियों को निकालने की कोई योजना नहीं है।
सरकारी ‘वेस्टीएफएम रेडियो’ के अनुसार, “नेपाल के घटनाक्रम पर भारत की प्रतिक्रिया पर नजर बनी हुई है क्योंकि उसे इस हिंदू बहुल राष्ट्र का बड़ा भाई माना जाता है।”
भारत ने मंगलवार को कहा कि वह नेपाल में विरोध प्रदर्शनों के दौरान कई युवाओं की मौत से बेहद दुखी है । भारत ने उम्मीद जताई कि इन मुद्दों का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान निकाला जाएगा।
विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम कल से नेपाल में जारी घटनाक्रम पर कड़ी नजर रखे हुए हैं और कई युवाओं की मौत से बेहद दुखी हैं। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं मृतकों के परिवारों के साथ हैं।”
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “एक करीबी दोस्त और पड़ोसी होने के नाते, हम उम्मीद करते हैं कि सभी संबंधित पक्ष संयम बरतेंगे और शांतिपूर्ण तरीकों व बातचीत के जरिए किसी भी मुद्दे का समाधान करेंगे।”
इस बीच, रूसी पर्यटन संघ की प्रमुख नतालिया ओसिपोवा ने कहा कि नेपाल में लगभग 200 रूसी पर्यटक हैं, जबकि ‘तास’ ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में कुल मिलाकर 400 से अधिक रूसी पर्यटक नहीं हैं।
रूसी पर्वतारोहण महासंघ के अनुसार, उसके कई सदस्य नेपाल में हैं। रूसी दूतावास ने उन्हें पहाड़ों में ही रहने और दंगों के मुख्य स्थल काठमांडू की यात्रा न करने को कहा है।
भाषा जोहेब