केंद्रीय दल ने उत्तराखंड के आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा शुरू किया
दीप्ति सुरभि
- 08 Sep 2025, 10:45 PM
- Updated: 10:45 PM
देहरादून, आठ सितंबर (भाषा) केंद्र के एक अंतर-मंत्रालयी दल ने उत्तराखंड के आपदा प्रभावित उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी, बागेश्वर और नैनीताल जिलों की स्थिति का जायजा लेने तथा वहां हुए नुकसान का आकलन करने के लिए सोमवार को अपना दौरा शुरू किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव आर प्रसन्ना के नेतृत्व में अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी, बागेश्वर और नैनीताल का क्षेत्रीय निरीक्षण किया।
अधिकारियों ने बताया कि प्रसन्ना के नेतृत्व में एक टीम ने सोमवार को सर्वाधिक प्रभावित उत्तरकाशी जिले का निरीक्षण किया जबकि दल में शामिल डॉ वीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में गयी दूसरी टीम ने चमोली के आपदा ग्रस्त थराली का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया।
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने कहा कि यह निरीक्षण आपदा प्रबंधन और प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह दौरा आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण और सामान्य जीवन की बहाली सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों का हिस्सा है।
सुबह प्रभावित क्षेत्रों के लिए रवाना होने से पहले केंद्रीय दल को प्रदेश के आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने यहां राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में आयोजित एक बैठक के दौरान विभिन्न जिलों में हुई क्षति के बारे में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।
सुमन ने बताया कि इस वर्ष पिछले कुछ सालों की तुलना में काफी अधिक बारिश हुई है, इसलिए नुकसान भी काफी ज्यादा हुआ है।
अंतर मंत्रालयी केंद्रीय दल ने सोमवार को उत्तरकाशी के धराली और हर्षिल के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया जहां पांच अगस्त को बादल फटने के बाद आयी भीषण बाढ़ से जबरदस्त तबाही मची थी। इस आपदा में धराली गांव में कई होटल और होमस्टे जमींदोज हो गए थे जबकि 68 लोग लापता हो गए थे। इस आपदा में हर्षिल में एक सैन्य शिविर को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था।
केंद्रीय दल को उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने आपदा से परिसंपत्तियों को हुए नुकसान तथा जन हानि से सम्बंधित आंकड़ों की विस्तृत जानकारी दी । टीम ने धराली आपदा में प्रभावित क्षेत्र में कार्यरत अधिकारियों और प्रभावित लोगों से भी बातचीत की और उनकी समस्यायें सुनीं
निरीक्षण के दौरान टीम ने बुनियादी ढांचे की क्षति, सड़कों, पुलों, सार्वजनिक भवनों, बिजली एवं जल आपूर्ति लाइनों को हुए नुकसान के आकलन के साथ साथ कृषि, फसलों, पशुधन और स्थानीय आजीविका के अन्य साधनों को हुए नुकसान का जायजा लिया।
दल का नेतृत्व कर रहे आर प्रसन्ना ने कहा कि आपदा प्रभावितों के जान-माल तथा क्षेत्र में परिसंपत्तियों को हुए नुकसान से संबंधित जानकारी लेकर उसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी और उसके बाद राहत पैकेज की घोषणा की जाएगी। प्रसन्ना के साथ निदेशक वित्त शैलेश कुमार, मुख्य अभियंता पंकज सिंह और उपनिदेशक विकास सचान भी टीम में शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि अंतर मंत्रालयी केंद्रीय दल की दूसरी टीम ने चमोली जिले के आपदा ग्रस्त थराली का जायजा लिया। टीम द्वारा आपदा प्रभावित क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण के साथ ही स्थलीय निरीक्षण भी किया गया। सबसे पहले दल ने थराली के चेपड़ों, कोटडीप, इराड़ीबगड़, देवाल के मोपाटा और नंदानगर प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया और इसके बाद सड़क मार्ग से भी क्षतिग्रस्त इलाकों का निरीक्षण किया।
चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने एक बैठक में पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से भारी बारिश के कारण आयी आपदा से सड़कों, पुलों, पेयजल योजनाओं, विद्युत तंत्र जैसी परिसंपत्ति तथा भवनों और कृषि भूमि को पहुंची क्षति की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने चेपड़ों बाजार एवं अन्य आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के आवासों के पीछे हो रहे भूस्खलन के बारे में भी टीम को विस्तार से बताया।
निदेशक डॉ वीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में थराली पहुंची टीम ने अपने दौरे में स्थानीय निवासियों से भी मुलाकात की। टीम में अपर सचिव शेर बहादुर, अधीक्षण अभियंता सुधीर कुमार भी शामिल रहें।
डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि उनके दौरे का मुख्य उद्देश्य आपदा से हुई वास्तविक क्षति का आकलन करना है ताकि भारत सरकार को प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर प्रभावित क्षेत्रों के लिए आवश्यक सहायता एवं पुनर्निर्माण कार्यों की योजना शीघ्र बनाई जा सके।
प्रसन्ना के नेतृत्व में उत्तरकाशी गई टीम मंगलवार को रुद्रप्रयाग और पौड़ी-गढ़वाल जिलों में आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करेगी वहीं सिंह के नेतृत्व में चमोली गई टीम मंगलवार को बागेश्वर तथा नैनीताल के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी।
सुमन ने बताया कि टीम मंगलवार शाम को देहरादून लौट आएगी।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिले आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष एक अप्रैल से अब तक प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं में 77 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है जबकि 94 अन्य लापता हैं । इन आपदाओं में 68 लोग घायल भी हुए हैं ।
इन आपदाओं में 229 मकान पूरी तरह से जबकि 1828 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
भाषा दीप्ति