दिल्ली में ‘कलश’ चोरी मामले में तीन लोग गिरफ्तार
प्रीति दिलीप
- 08 Sep 2025, 10:33 PM
- Updated: 10:33 PM
नयी दिल्ली, आठ सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में लालकिले के पास जैन धार्मिक कार्यक्रम से सोने के कई ‘कलश’ चोरी के मामले में मुख्य आरोपी समेत तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और उनके पास से डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के चोरी के सामान बरामद किये गए हैं। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
लालकिले के निकट 15 अगस्त पार्क में लगाए गए जैन पर्व पंडाल में तीन सितंबर को यह घटना हुई थी। यह घटना जैन समाज के दसलक्षण महापर्व (28 अगस्त से नौ सितंबर) के दौरान हुई।
पुलिस के अनुसार, उत्तर प्रदेश के हापुड़ का रहने वाले भूषण वर्मा (50) नाम के आरोपी ने मंच से पूजा में इस्तेमाल होने वाली सोने की तीन वस्तुएं एक बड़ी झारी (कलश), एक जग और एक बरियाल (कंटेनर) चुरा लिया था। उसके पास से लगभग 725 ग्राम वजन का एक कलश बरामद कर लिया गया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि चोरी की गई वस्तुओं का एक बड़ा हिस्सा उसके सहयोगियों ने पिघला दिया।
पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) पंकज कुमार सिंह ने बताया, ‘‘वर्मा को अपराध शाखा ने त्वरित खुफिया सूचना के आधार पर चलाए गए अभियान के बाद रविवार और सोमवार की दरमियानी रात को हापुड़ से गिरफ्तार किया। उसके सहयोगी गौरव कुमार वर्मा और अंकित पाटिल (दोनों गाजियाबाद के हापुड़ निवासी) को भी चोरी का सोना प्राप्त करने और उसे पिघलाने में उनकी भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया।’’
पुलिस ने बताया कि सोने की झारी, लगभग 100 ग्राम पिघला हुआ सोना, 10,400 रुपये नकद और चोरी की वस्तुओं को पिघलाने में इस्तेमाल किए गए उपकरण जब्त किए गए हैं।
उसने बताया कि बरामद सामान का अनुमानित मूल्य लगभग 1 करोड़ रुपये है, हालांकि पिघलाए हुए सामान सहित चोरी की गई वस्तुओं का कुल मूल्य 1.5 करोड़ रुपये से अधिक माना जा रहा है।
पुलिस ने बताया कि पंडाल में तीन सितंबर को शाम की पूजा के दौरान चोरी की गई थी और पुलिस को सूचना दी गई थी।
सिविल लाइंस के रहने वाले व्यापारी सुधीर जैन ने कोतवाली थाने में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि वह रोजाना सोने का कलश अनुष्ठान के लिए ले जाए जाते थे। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर तुरंत जांच शुरू की गई।
पुलिस ने बताया कि चोरी उस समय की गई, जब लोग लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के स्वागत में व्यस्त थे।
अधिकारी ने कहा, ‘‘पंडाल में लगे सीसीटीवी फुटेज की मदद से जांचकर्ताओं ने वर्मा को मुख्य संदिग्ध के रूप में पहचाना। आरोपी ने इलाके की पूरी तरह टोह ले रखी थी। सुरक्षा खामियों की पहचान की और अपनी योजना को अंजाम दिया। उसे पहले 2016 में बीएलके अस्पताल में चोरी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था, जहां उसे पर्स चुराते रंगे हाथों पकड़ा गया था।’’
पुलिस को पता चला कि वर्मा हापुड़ स्थित अपने घर पर है। लगातार निगरानी के बाद, छापेमारी की गई और वर्मा को पकड़ लिया गया और सोने की झारी बरामद की गई। पुलिस ने बताया कि उसके साथियों गौरव और अंकित को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने बताया कि वर्मा ने खुद को पुजारी बताया और श्रद्धालुओं के साथ घुलने-मिलने के लिए पारंपरिक पोशाक पहनी। पुलिस ने बताया कि वर्मा ने मोबाइल नहीं रखा था, जिससे उसके स्थान का पता न लगाया जा सके।
उसने बताया कि चोरी से दो-तीन दिन पहले आरोपी ने पंडाल की टोह ली, सुरक्षा खामियों, भीड़ की आवाजाही और सीसीटीवी के बारे में जाना।
अधिकारी ने कहा, ‘‘घटना वाले दिन वह पुजारी की तरह कपड़े पहनकर आया था और मंच पर कलश के पास बैठ गया और मौका पाते ही चुपचाप वहां से सोने की वस्तु ले गया।’’
बाद में वर्मा ने चोरी की गई दो वस्तुओं को पिघलाने के लिए अपने सहयोगी अंकित पाटिल को शामिल किया जबकि गौरव वर्मा ने पिघला हुआ सोना दिया गया था।
पुलिस ने आरोपियों के बारे में बताया कि भूषण वर्मा ने चोरी की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया। पाटिल ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई, जिसने चोरी की वस्तुओं को पिघलाने और निपटाने में मदद की और गौरव कुमार वर्मा को पिघला हुआ सोना और नकदी दी गई।
प्रसाद नगर पुलिस थाने में वर्मा के खिलाफ एक मामला दर्ज है, जहां उसे बीएलके अस्पताल में चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
इस गिरोह से जुड़े आभूषण विक्रेता और अन्य लोगों की पहचान के लिए गाजियाबाद और हापुड़ में छापेमारियां जारी है।
भाषा प्रीति