जम्मू-कश्मीर : आम आदमी पार्टी के विधायक मेहराज मलिक को हिरासत में लिया गया
रवि कांत नेत्रपाल
- 08 Sep 2025, 09:29 PM
- Updated: 09:29 PM
(फाइल फोटो के साथ)
जम्मू, आठ सितंबर (भाषा) आम आदमी पार्टी (आप) की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख एवं विधायक मेहराज मलिक को सोमवार को डोडा जिले में सार्वजनिक व्यवस्था में खलल डालने के आरोप में कठोर जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में ले लिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों के मुताबिक, यह पहली बार है जब किसी मौजूदा विधायक को पीएसए के तहत हिरासत में लिया गया है।
पीएसए एक प्रशासनिक कानून है जो कुछ मामलों में बिना किसी आरोप या मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मलिक जन सुरक्षा के लिए कोई खतरा नहीं हैं और उन पर यह कानून लागू करना गलत है।
अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले दिन में 37 वर्षीय आप विधायक को डाक बंगले पर पुलिस ने हिरासत में ले लिया था, जब वह अपने क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने की योजना बना रहे थे।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस द्वारा मलिक के खिलाफ एक मामला दर्ज किए जाने के बाद डोडा के उपायुक्त हरविंदर सिंह के आदेश पर उन्हें बाद में पीएसए के तहत भद्रवाह जिला जेल में स्थानांतरित कर दिया गया।
मलिक के खिलाफ यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब सरकारी कर्मचारियों ने बड़े पैमाने पर उनके खिलाफ प्रदर्शन किया। दरअसल, मलिक ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर उपायुक्त के खिलाफ अपमानजनक अभियान चलाया था, जिसके बाद सरकारी कर्मचारी उपायुक्त के समर्थन में सामने आए थे।
प्रदर्शन कर रहे सरकारी कर्मचारियों ने आप विधायक पर आरोप लगाया कि वह अकसर चिकित्सकों समेत सरकारी अधिकारियों के साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं और युवाओं को सरकारी मशीनरी के खिलाफ भड़काते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि पिछले एक साल में पहाड़ी जिले में मलिक के ‘अशिष्ट’ व्यवहार और सरकारी अधिकारियों से उनकी लड़ाई के कारण उनके खिलाफ दर्जनों मामले और शिकायतें दर्ज की गई हैं।
उन्होंने कहा कि आप नेता के कई करीबी सहयोगियों को भी पीएसए के तहत हिरासत में लिया गया है, साथ ही कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
विपक्षी दल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने मलिक की पीएसए के तहत गिरफ्तारी की निंदा की और इसे असहमति को दबाने और लोकतंत्र पर हमला करार दिया है।
डाक बंगले में हिरासत में लिए जाने के दौरान मलिक ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उन्हें बाढ़ से प्रभावित अपने क्षेत्र के लोगों से मिलने से रोका जा रहा है।
विधायक ने उपायुक्त पर कर्मचारियों से उनके खिलाफ प्रदर्शन करवाने का आरोप लगाया।
वर्ष 2024 के जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में मलिक ने डोडा विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 4,538 से अधिक मतों के अंतर से हराया और इस तरह केंद्र शासित प्रदेश में अपनी पार्टी को पहली जीत दिलाई थी।
मलिक ने 24 दिसंबर 2020 को डोडा जिले के कहारा निर्वाचन क्षेत्र से जिला विकास परिषद का चुनाव जीता था। पिछले साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता और हजरतबल से विधायक सलमान अली सागर ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ डोडा के विधायक मेहराज मलिक के खिलाफ पीएसए का इस्तेमाल करने की हम कड़ी निंदा करते हैं। कठोर कानूनों के तहत चुने हुए प्रतिनिधियों को हिरासत में लेना, 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर में एक खतरनाक मिसाल कायम करता है, जिससे लोकतंत्र को नुकसान होता है और विरोध की आवाज दबाई जाती है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राजनीतिक विचारों को दबाना नहीं चाहिए, बल्कि उनकी रक्षा करनी चाहिए।’’
पुलवामा से पीडीपी विधायक वहीद पारा ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘विधायक मेहराज मलिक के खिलाफ पीएसए का इस्तेमाल करने की हम कड़ी निंदा करते हैं। ऐसे कठोर कानून राजनीतिक आवाजों को दबाने और विरोध को कुचलने के लिए हथियार के तौर पर इस्तेमाल किए जाते हैं।’’
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद गनी लोन ने एक बयान में इसे जम्मू-कश्मीर के लोकतंत्र पर एक और हमला बताया।
भाषा रवि कांत