सीजीएसटी अधीक्षक, वकील सीबीआई जांच के दायरे में
देवेंद्र अविनाश
- 03 Sep 2025, 08:34 PM
- Updated: 08:34 PM
नयी दिल्ली, तीन सितंबर (भाषा) मुंबई में तैनात एक जीएसटी अधीक्षक और एक ऑनलाइन सट्टेबाजी वेबसाइट से जुड़ी एक निजी कंपनी के वकील की भूमिका कोलकाता में तैनात एक अन्य जीएसटी खुफिया अधिकारी को 22 लाख रुपये की कथित रिश्वत के भुगतान मामले में सीबीआई की जांच के दायरे में आ गई है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जीएसटी अधिकारी को 22 लाख रुपये की रिश्वत की पेशकश करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
कोलकाता स्थित जीएसटी खुफिया अधिकारी विवेक प्रताप सिंह की शिकायत पर, सीबीआई ने हाल में एक ‘‘रिवर्स ट्रैप’’ चलाया था, जिसमें उसने राम सेवक सिंह और सचिन कुमार गुप्ता को उस समय गिरफ्तार किया था, जब वे कथित तौर पर एक निजी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई को रोकने के लिए उन्हें रिश्वत दे रहे थे।
विवेक प्रताप सिंह को जीएसटी चोरी से संबंधित खुफिया जानकारी एकत्र करने का काम सौंपा गया था। पूछताछ के दौरान, उन्हें एक विदेशी ऑनलाइन सट्टेबाजी वेबसाइट द्वारा जीएसटी का अनुपालन न करने के बारे में जानकारी मिली थी।
एजेंसी के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम से प्राप्त विवरण से उन्हें एक बैंक खाते का पता चला, जो प्रीपेड भुगतान उपकरण जारीकर्ता, ‘ऐपनिट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड’ से जुड़ा था, जिसके निदेशक नितिन कपूर थे।
सिंह ने कंपनी को नोटिस जारी कर ‘‘केवाईसी, एओएफ, बैंक स्टेटमेंट’’ आदि का ब्यौरा मांगा और कपूर से उनके मोबाइल फोन पर संपर्क कर उनसे ‘ऐपनिट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड’ का खाता खोलने का फॉर्म और बैंक स्टेटमेंट उपलब्ध कराने का अनुरोध किया।
उन्हें प्रियंका नाम की एक महिला का फोन आया, जिसने खुद को कंपनी की वकील बताते हुए मामले के निपटारे के लिए उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलने का समय मांगा। सिंह ने मिलने से इनकार कर दिया और डाक से दस्तावेज भेजने को कहा।
इसके बाद अभिषेक नामक एक व्यक्ति ने फोन करके खुद को मुंबई के जीएसटी विभाग का अधीक्षक बताया और कथित तौर पर सिंह को एक करोड़ रुपये की रिश्वत के बदले कंपनी के खिलाफ कार्रवाई बंद करने की पेशकश की। कथित तौर पर उसने फोन कॉल के जरिए दो और मौकों पर यह पेशकश दोहराई।
एजेंसी ने बताया कि सिंह ने तुरंत सीबीआई को सूचना दी और एक आधिकारिक शिकायत दर्ज की, जिसने रिश्वत देने वाले को निशाना बनाने के लिए ‘रिवर्स ट्रैप’ अभियान चलाया।
सीबीआई ने बताया कि एजेंसी ने दिल्ली में एक टीम तैनात की थी, जिसने परिसर पर छापा मारा और दो आरोपियों राम सेवक सिंह और सचिन कुमार गुप्ता को गिरफ्तार किया, जो कथित तौर पर 22 लाख रुपये की रिश्वत देने आए थे।
‘पीटीआई’ द्वारा देखी गई प्राथमिकी में, सीबीआई ने अभिषेक कटियार (अधीक्षक), ऑडिट अनुभाग, प्रधान आयुक्त कार्यालय, केंद्रीय माल और सेवा कर (सीजीएसटी), मुंबई पूर्व; प्रियंका सिंह, वकील और दो कंपनियों - ‘आर्टिम्बे आईटी प्राइवेट लिमिटेड’ और ‘ऐपनिट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड’ के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
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