केरल के डॉक्टरों ने ‘अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस’, फंगल संक्रमण से पीड़ित का सफल उपचार किया
आशीष माधव
- 03 Sep 2025, 07:08 PM
- Updated: 07:08 PM
तिरुवनंतपुरम, तीन सितंबर (भाषा) केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बुधवार को कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने ‘अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस’ और ‘एस्परगिलस फ्लेवस’ दोनों से एक साथ संक्रमित 17 वर्षीय लड़के का सफलतापूर्वक इलाज करके दुर्लभ उपलब्धि हासिल की है।
उन्होंने कहा कि यह दुनिया का पहला ज्ञात मामला है जहां दोनों संक्रमणों से पीड़ित मरीज का सफलतापूर्वक इलाज किया गया और वह पूरी तरह ठीक हो गया।
जॉर्ज ने संवाददाताओं को बताया, "लड़के का तीन हफ़्ते तक अलप्पुझा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज चला और फिर उसे तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज में स्थानांतरित कर दिया गया। न्यूरोसर्जरी टीम ने मरीज़ की सर्जरी की और तीन महीने के इलाज के बाद अब वह पूरी तरह ठीक हो गया है।"
उन्होंने बताया कि अलप्पुझा स्थित माइक्रोबायोलॉजी लैब ने मरीज के स्पाइनल फ्लूइड से रोग पैदा करने वाले अमीबा और फंगस की पहचान की, जिसके बाद सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार उपचार शुरू किया गया। एमआरआई स्कैन में मस्तिष्क में मवाद दिखाई दिया और मरीज़ को तिरुवनंतपुरम ले जाया गया, जहां न्यूरोसर्जरी टीम ने ऑपरेशन किया। हालत बिगड़ने पर दूसरी सर्जरी की गई, जिसके बाद लड़का ठीक होने लगा।
तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज के संक्रामक रोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अरविंद ने कहा, "हमने इलाज के लिए पांच दवाओं का भी इस्तेमाल किया क्योंकि दोनों ही संक्रमण घातक हैं। हमने मरीज को अस्पताल से छुट्टी दिए जाने के तीन हफ्ते बाद जांच की और अब वह पूरी तरह सामान्य है।"
जॉर्ज ने कहा कि दुनिया भर में ‘अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस’ और ‘एस्परगिलस फ्लेवस’ दोनों संक्रमणों से पीड़ित कई मरीज़ों के मामले सामने आए हैं, लेकिन उनमें से कोई भी जीवित नहीं बचा।
उन्होंने कहा, "यह पहली बार है जब इस तरह के किसी मरीज़ को बचाया गया। मैं इस उपलब्धि के लिए अलप्पुझा और तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेजों की चिकित्सा टीम को बधाई देना चाहती हूं।"
उन्होंने लड़के की जान बचाने में मददगार साबित होने का श्रेय तीन साल पहले सरकार द्वारा तैयार किए गए उपचार दिशानिर्देशों को दिया।
मंत्री ने कहा, "ऐसे मामले-चाहे ‘अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस’ हो या ‘एस्परगिलस फ्लेवस’ दुनिया भर में लगभग 99 प्रतिशत मृत्यु दर का कारण बनते हैं। केरल में, पिछले दो वर्षों में ‘अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस’ के 86 मामले सामने आए हैं, जिनमें 21 मौतें हुई हैं। यह मृत्यु दर लगभग 23 से 24 प्रतिशत है।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या केरल में इस तरह के संक्रमण बढ़ रहे हैं, उन्होंने कहा, "इसका उत्तर यह है कि हम मामलों की पहचान जल्दी कर लेते हैं। मेनिन्जाइटिस से होने वाली मौतों के पोस्टमार्टम अध्ययनों में, जहां संक्रमण का कारण पहले नहीं पहचाना गया था, लगभग 11 प्रतिशत मौतें अमीबा के कारण हुई थीं।"
केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का अत्यंत घातक संक्रमण ‘अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस’ अमीबा के कारण होता है। यह संक्रमण आमतौर पर पानी के स्रोतों जैसे झीलों, नदियों और झरनों से फैलता है।
‘एस्परगिलस फ्लेवस’ संक्रमण एक सामान्य कवक, एस्परगिलस के कारण होने वाली बीमारी है, आमतौर पर पर्यावरण में पाया जाता है।
भाषा आशीष