हर प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ नुकसानदायक नहीं : लेबल पढ़कर आप ये बातें जान सकते हैं
(द कन्वरसेशन) मनीषा पवनेश
- 03 Sep 2025, 04:25 PM
- Updated: 04:25 PM
(क्लेयर कॉलिन्स, यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूकैसल)
न्यू साउथ वेल्स, तीन सितंबर (द कन्वरसेशन) सोशल मीडिया या खबरों में अगर आप सेहत से जुड़ी जानकारी देखते हैं तो आपने जरूर सुना होगा कि प्रसंस्कृत यानी प्रॉसेस्ड खाद्य पदार्थ केवल अस्वस्थ ही नहीं, बल्कि हानिकारक भी हो सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि अत्यधिक प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से भरपूर आहार लेने से व्यक्ति आवश्यकता से अधिक ऊर्जा, नमक, चीनी और खाद्य योजक (एडिटिव्स) का सेवन करता है।
हालांकि, सभी प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ एक जैसे नहीं होते और न ही सभी हानिकारक होते हैं। यदि आप सुविधाजनक लेकिन सुरक्षित विकल्प चुनना चाहते हैं, तो खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग पर लेबल पढ़ते समय कुछ बातों का ध्यान रखा जा सकता है।
प्रसंस्करण की श्रेणियां क्या हैं?
शोधकर्ता नोवा (एनओवीए) वर्गीकरण प्रणाली का उपयोग करके खाद्य पदार्थों को चार प्रसंस्करण स्तरों में बांटते हैं:
समूह 1 : अप्रसंस्कृत या न्यूनतम रूप से प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ जैसे फल, सब्ज़ियां, दूध, अंडे, मांस, दालें, साधारण दही, अनाज आदि। इन्हें घर पर सीधे खाया या न्यूनतम पकाया जा सकता है।
समूह 2 : प्रसंस्कृत पाक सामग्री जैसे तेल, चीनी, शहद, जो समूह 1 के खाद्य पदार्थों से प्राप्त होती हैं और स्वाद बढ़ाने के लिए उपयोग की जाती हैं।
समूह 3 : पारंपरिक विधियों से प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ जैसे डिब्बाबंद फल, चीज़, टमाटर पेस्ट, अचार, साधारण ब्रेड आदि। इन्हें घर पर भी तैयार किया जा सकता है।
समूह 4: अत्यधिक प्रसंस्कृत (अल्ट्रा प्रॉसेस्ड) खाद्य पदार्थ जैसे स्नैक्स, इंस्टैंट नूडल्स, मीठे पेय, बिस्किट, जमी हुई मिठाइयां, फास्ट फूड आदि। इनमें आमतौर पर ऐसे तत्व होते हैं जो घर के रसोईघर में नहीं मिलते और इन्हें खाने की आदत जल्दी लग जाती है।
अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों को लेकर चिंताएं क्यों ?
ऑस्ट्रेलिया में कुल ऊर्जा सेवन का लगभग 42 फीसदी हिस्सा अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से आता है। ये खाद्य उत्पाद आमतौर पर सस्ते और ऊर्जा से भरपूर होते हैं, लेकिन पोषक तत्व इनमें बहुत ही कम होते हैं। इनमें विटामिन, खनिज और फाइबर की मात्रा कम होती है।
एक समीक्षा अध्ययन के अनुसार, जो लोग सबसे अधिक मात्रा में ऐसे खाद्य पदार्थ खाते हैं, उनमें गुर्दे की कार्य क्षमता कम होने का खतरा 25 फीसदी से अधिक, मोटापा और मधुमेह का जोखिम 20 फीसदी अधिक, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं (जैसे अवसाद) 40 फीसदी अधिक पाई गईं।
हालांकि, यह भी देखा गया कि सभी अल्ट्रा-प्रोसेस्ड उत्पाद एक जैसे नुकसानदायक नहीं होते। उदाहरण के लिए, विटामिन संवर्धित अनाज या कुछ डेयरी उत्पाद तटस्थ या लाभकारी भी हो सकते हैं।
क्या खाद्य योजक यानी एडिटिव्स हानिकारक हैं?
कुछ हद तक प्रोसेसिंग फायदेमंद भी हो सकती है, जैसे खाद्य सुरक्षा बढ़ाना, शेल्फ-लाइफ बढ़ाना और भोजन की बर्बादी कम करना। इसके लिए फूड एडिटिव्स जैसे इमल्सीफायर, फ्लेवर बढ़ाने वाले तत्व, प्रिज़र्वेटिव, कलर, एसिड और राइजिंग एजेंट उपयोग किए जाते हैं।
एफएसएएनजेड (फूड स्टैंडर्ड्स ऑस्ट्रेलिया एंड न्यूजीलैंड) इन एडिटिव्स को सुरक्षा जांच के बाद अनुमोदित करता है।
कुछ लोग, विशेषकर बच्चे अधिक मात्रा में एडिटिव्स ले सकते हैं। शोधकर्ताओं ने संकेत दिया है कि एडिटिव्स के उच्च सेवन से हृदय रोग, मधुमेह और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। कुछ मामलों में विभिन्न योजकों के संयोजन (कॉकटेल इफैक्ट्स) का भी टाइप-2 डायबिटीज़ से संबंध पाया गया है।
हाल ही के एक अध्ययन ने यह भी चेतावनी दी कि कुछ इमल्सीफायर्स आंत की परत को नुकसान पहुंचा सकते हैं और ‘गट माइक्रोबायोम’ को असंतुलित कर सकते हैं, जिससे सूजन संबंधी आंत विकार हो सकते हैं।
क्या खाएं और कैसे चुनें?
यह इस बात पर निर्भर करता है कि खाद्य पदार्थ कैसे बनाए गए हैं, उनमें कौन से योजक हैं, आप कितनी बार और कितनी मात्रा में उन्हें खाते हैं।
खाद्य पदार्थ चुनते समय कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए।
1 - लेबल पढ़ें : सामग्री सूची से पता चलता है कि उसमें कौन-कौन से एडिटिव्स या प्रोसेसिंग की गई है। कोशिश करें कि ऐसे उत्पाद चुनें जिनमें कम से कम एडिटिव्स हों और सामग्री ऐसी हो जो घर में आमतौर पर उपलब्ध होती है।
2 - हेल्थ स्टार रेटिंग देखें: समान श्रेणी के उत्पादों में ज़्यादा स्टार वाला विकल्प लें क्योंकि उसमें नमक, चीनी और संतृप्त वसा कम होती है।
3 - खपत की आवृत्ति पर ध्यान दें: यदि आप किसी उत्पाद का नियमित रूप से सेवन करते हैं, तो तुलना करके बेहतर विकल्प चुनना ज़रूरी है।
4 - नोवा 3 हमेशा बेहतर नहीं : किसी उत्पाद को केवल इस आधार पर स्वास्थ्यवर्धक मान लेना गलत हो सकता है कि वह उत्पाद समूह 3 में है। इसमें भी उच्च मात्रा में नमक या चीनी हो सकती है।
(द कन्वरसेशन) मनीषा