दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पार, मुख्यमंत्री ने कहा : स्थिति से निपटने को तैयार
धीरज अविनाश
- 02 Sep 2025, 07:17 PM
- Updated: 07:17 PM
(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, दो सितंबर (भाषा) वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण, दिल्ली में यमुना नदी इस वर्ष पहली बार खतरे के निशान को पार कर गई। इसकी वजह से किनारे के कई निचले इलाकों में पानी घुस गया और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
अधिकारियों के मुताबिक मंगलवार शाम चार बजे दिल्ली के पुराने रेलवे पुल (ओआरबी) पर जलस्तर 206.03 मीटर दर्ज किया गया। इस पुल को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। इससे पहले, सुबह छह बजे यमुना नदी खतरे के निशान 205.33 मीटर से काफी ऊपर 205.68 मीटर के स्तर पर पहुंच गई थी।
यमुना का उच्चतम जल स्तर 208.66 मीटर है, जो जुलाई 2023 में दर्ज किया गया था।
जल स्तर बढ़ने के मद्देनजर जिला पदाधिकारियों ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजना शुरू कर दिया है तथा ओआरबी को यातायात के लिए अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
दिल्ली के लिए चेतावनी का निशान 204.50 मीटर है, खतरे का निशान 205.33 मीटर है, तथा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने का कार्य 206.00 मीटर पर शुरू होता है।
केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘जल स्तर बढ़ने का मुख्य कारण वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा जाना है। पूर्वानुमान के अनुसार जल स्तर में और वृद्धि हो सकती है।’’
अधिकारी के मुताबिक शाम चार बजे तक हथिनीकुंड बैराज से 1.53 लाख क्यूसेक और वजीराबाद बैराज से 78,700 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यमुना नदी उत्तराखंड से निकलती है और हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से होकर बहती है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यमुना नदी के किनारे के इलाकों का जायजा लिया और कहा कि सरकार स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
अधिकारियों ने बताया कि मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार, जब नदी ‘‘निकासी स्तर’’ के निशान को पार कर जाती है, तो जिला अधिकारियों द्वारा अस्थायी आश्रय, टेंट और भोजन एवं पानी की आपूर्ति जैसी व्यवस्था की जाती है।
हरियाणा से रिकॉर्ड मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली में अधिकारी ‘हाई अलर्ट’ पर हैं।
पुराना रेलवे पुल नदी के प्रवाह और बाढ़ के संभावित खतरों पर नज़र रखने के लिए एक प्रमुख अवलोकन बिंदु है।
बैराज से छोड़े गए पानी को दिल्ली पहुंचने में आमतौर पर 48 से 50 घंटे लगते हैं।
दिल्ली में यमुना का जलस्तर शाम तक बढ़कर 206.41 मीटर तक पहुंचने का अनुमान है।
भाषा धीरज