भाजपा ने धर्मस्थल में रैली कर हत्याओं और शवों को दफनाने के आरोपों की केंद्रीय जांच की मांग की
धीरज माधव
- 01 Sep 2025, 09:13 PM
- Updated: 09:13 PM
(तस्वीरों के साथ)
धर्मस्थल, एक सितंबर (भाषा)कर्नाटक के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को दक्षिण कन्नड जिले के धर्मस्थल में एक रैली आयोजित कर शहर में कई हत्याओं, बलात्कारों और दफनाने के आरोपों की केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग की।
भाजपा के मुताबिक पूरे कर्नाटक से लगभग एक लाख लोगों ने इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया। पार्टी के मुताबिक यह धर्मस्थल के ‘‘मंदिर और उसकी परंपराओं को बदनाम करने के प्रयास’’ के खिलाफ एकजुटता का प्रदर्शन था।
‘धर्मस्थल चलो’ नाम से आयोजित रैली में केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर अशोक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र, सांसद और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
विजयेंद्र ने रैली को संबोधित करते हुए केंद्र से इस मामले को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई)या राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंपने का आग्रह किया। उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर हिंदू समुदाय को ‘न्याय दिलाने में विफल’ होने का आरोप लगाया।
विजयेंद्र ने राज्य द्वारा गठित एसआईटी (विशेष जांच दल)की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए दावा किया, ‘‘कांग्रेस को करोड़ों भक्तों के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए।’’
उन्होंने एक लड़की के परिवार से भी मुलाकात की, जिसका कथित तौर पर एक दशक पहले बलात्कार और हत्या कर दी गई थी, और उसकी मां को आश्वासन दिया कि पार्टी इस मामले में न्याय के लिए दबाव बनाती रहेगी।
उल्लेखनीय है कि 2012 में 17 वर्षीय कॉलेज छात्रा के कथित दुष्कर्म और हत्या का मामला तटीय कर्नाटक में एक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है।
इस बीच, जोशी ने सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर ‘‘तुष्टिकरण की राजनीति’’करने का आरोप लगाते हुए कहा कि धर्मस्थल में गुप्त कब्रों के आरोपों का उद्देश्य इस प्रमुख हिंदू तीर्थस्थल को बदनाम करना है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘यदि किसी मस्जिद या चर्च के बारे में ऐसे दावे किए जाएं, तो क्या बिना सबूत खुदाई की जाएगी?’’ उन्होंने ‘‘विभाजनकारी राजनीति’’ के खिलाफ सतर्कता बरतने का आह्वान किया।
पार्टी नेताओं ने कहा कि रैली का उद्देश्य कर्नाटक के सबसे प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों में से एक को ‘बदनाम करने के अभियान’ का मुकाबला करना है।
अशोक ने इस पूरे घटनाक्रम में ‘शहरी नक्सलियों’ के संलिप्त होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एसआईटी असली दोषियों के बजाय ‘‘छोटी मछलियों’’ को निशाना बना रही है।
कांग्रेस सरकार ने आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। हालांकि, भाजपा का कहना है कि केवल एक केंद्रीय एजेंसी ही पारदर्शी जांच सुनिश्चित कर सकती है।
इससे पहले दिन में, विजयेंद्र और अशोक ने भाजपा नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मंजूनाथ मंदिर का दौरा किया और पूजा-अर्चना की। उन्होंने मंदिर के धर्माधिकारी वीरेंद्र हेगड़े से भी मुलाकात की।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब एन चिन्नैया नामक शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि पिछले दो दशकों में धर्मस्थल में दर्जनों शव-जिनमें यौन उत्पीड़न के निशान वाली महिलाओं के शव भी शामिल हैं-दफनाए गए हैं। चिन्नैया को झूठी गवाही देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।
भाषा धीरज