दुर्घटना में मारे गए मजदूर के परिजन को 13.95 लाख रुपये का मुआवजा दे एमएसआरटीसी : एमएसीटी
यासिर प्रशांत
- 01 Sep 2025, 03:45 PM
- Updated: 03:45 PM
ठाणे, एक सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) को 2021 में बस की चपेट में आने से मारे गए एक पैदल यात्री के परिजन को 13.95 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।
न्यायाधिकरण के सदस्य आर.वी. मोहिते ने एमएसआरटीसी की इस दलील को खारिज कर दिया कि 53 वर्षीय मृतक मजदूर की लापरवाही थी, तथा दुर्घटना के लिए पूरी तरह से बस चालक को जिम्मेदार ठहराया।
यह आदेश 26 अगस्त को पारित किया गया, जिसकी एक प्रति सोमवार को उपलब्ध कराई गई।
इसके दावेदारों में मृतक शिवाजी गणपति इरुले की पत्नी, चार बच्चे और मां शामिल थीं।
दावेदारों ने न्यायाधिकरण को बताया कि नौ अक्टूबर 2021 को इरुले यहां ठाणे में गायमुख नाका के पास घोड़बंदर रोड के किनारे सावधानी से पैदल चल रहे थे, तभी एमएसआरटीसी की एक बस तेज गति से आई, जिसकी डिक्की के बाईं तरफ का दरवाजा खुला था।
दरवाजा जोर से इरुले को लगा, जिससे वह गिर गया। उसे तुरंत एक निजी अस्पताल ले जाया गया और वहां से उसे ठाणे के सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
कासरवडावली पुलिस ने बस चालक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और मोटर वाहन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
न्यायाधिकरण ने कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि बस के चालक ने बस का दरवाजा खुला रख कर लापरवाही बरती। रिकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं है जो दर्शाता हो कि इरुले ने लापरवाही बरती थी।’’
न्यायाधिकरण ने कहा, ‘‘बस का दरवाजा बंद है या नहीं यह देखना एसटी बस के चालक और परिचालक दोनों की जिम्मेदारी थी।’’
हालांकि दावेदारों ने दावा किया था कि इरुले ने मजदूर के रूप में 20 हजार रुपये प्रति माह कमाए थे, न्यायाधिकरण को कोई विश्वसनीय सबूत नहीं मिला और उसने उनकी काल्पनिक आय 13 हजार रुपये प्रति माह निर्धारित की।
न्यायाधिकरण ने कहा, ‘‘दावेदार प्रतिपक्षी से आर्थिक और गैर-आर्थिक क्षति के रूप में 13,95,400 रुपये का मुआवजा पाने के हकदार हैं।’’
न्यायाधिकरण ने एमएसआरटीसी को एक महीने के भीतर मुआवजा राशि जमा करने का आदिश दिया, साथ ही याचिका दायर करने की तारीख से नौ प्रतिशत ब्याज भी अदा करने के लिए कहा गया।
न्यायाधिकरण ने आदेश दिया कि मृतक की पत्नी और मां को 4.97-4.97 लाख रुपये और चारों बच्चों को एक-एक लाख रुपये मिलेंगे, जबकि मृतक की पत्नी और मां के लिए मुआवजे की राशि का एक हिस्सा तीन साल के लिए सावधि जमा में रखा जाएगा।
भाषा यासिर